नई दिल्ली। भारत ने हमेशा की तरह अपने पड़ोसियों के प्रति बड़ा दिल दिखाया है। उनसे संबंध सुधारने की दिशा में बढ़-चढ़ कर भागीदारी की है। इसी कड़ी में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगाडी ने सोमवार को बांग्लादेश को 10 ब्रॉडगेज डीजल इंजनों को सौंपने को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हरी झंडी दिखाई। भारत के गेदे रेलवे स्टेशन से सभी इंजन रवानगी हुए। इन इंजनों को बांग्लादेश के दर्शना रेलवे स्टेशन पर रिसिव किया जाएगा। इन इंजनों की खास बात यह है कि 3300 हॉर्सपावर वाले डब्लूडीएम 3 डी लोको इंजनों की उम्र 28 साल या उससे अधिक है। इन्हें 120 किमी प्रति घंटे की गति के लिये डिजाइन किया गया है। ये माल ढुलाई के साथ-साथ यात्री गाड़ियों के लिये उपयुक्त हैं और इनमें माइक्रोप्रोसेसर आधारित नियंत्रण प्रणाली है।10 ब्राडगेज लोकोमोटिव सौंपने से बांग्लादेश रेलवे की शक्ति में काफी वृद्धि होगी।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, आज वर्चुअल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में बांग्लादेश के रेल मंत्री मो. नुरूल इस्लाम सुजन और विदेश मंत्री अबु कलाम अब्दुल मेमन शामिल हुए। भारत पिछले कुछ वर्षों में पड़ोसी देश बांग्लादेश में सड़क, रेल व बंदरगाह विकास के लिए कई परियोजनाओं को मदद कर रहा है। केंद्र सरकार ने सभी एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि इन सभी का काम निर्धारित समय पर पूरा होनी चाहिए।
वर्चुअल बैठक में रेल परियोजनाओं की हुई समीक्षा
भारत और बांग्लादेश की मित्रता में रेलवे की अहमियत के बारे में इससे पता चलता है कि अभी भारत की मदद से बांग्लादेश में 2.44 अरब डॉलर की मदद से 17 रेलवे की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। वर्चुअल बैठक में भारत की तरफ से चलाई जाने वाली अन्य रेल परियोजनाओं की समीक्षा भी हुई। भारत द्ववारा यह मदद बांग्लादेश को महज एक फीसद ब्याज पर उपलब्ध कराई जा रही है। पड़ोसी देश बांग्लादेश को इसे 20 वर्षं में चुकाना होगा। पांच वर्षों की मोरोटोरियम भी है। इनमें से 9 परियोजनाओं काम पूरा हो चुका है।
बांग्लादेश की नई डबल गेज लाइन बिछाने में भी मदद कर रहा है भारत
7.8 करोड़ डॉलर की लागत वाली कुलौरा-शाहबाजपुर और 40 करोड़ डॉलर की लागत वाली खुलना-मोंगला रेल परियोजना का काम 2020 तक पूरा किया जाएगा। इसके अलावा भारत वहां एक मीटर गेज लाइन को डबल गेज लाइन में और नये डबल गेज लाइन बिछाने में भी मदद कर रहा है।
बांग्लोदश को मदद देने में आगे रहा है भारत
भारत अपने पड़ोसी देशों पर अपनी मर्जी नहीं लादता और ना अपने फायदे वाली परियोजनाओं को आगे बढ़ाता है और न ही पड़ोसियों को कर्ज के जाल में पहुंचाने की कोशिश की जाती है। बांग्लादेश पर ज्यादा फोकस देने के पीछे एक कारण यह भी है कि बांग्लदेश की पीएम शेख हसीना भारत में चर्चाओं में रहे सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों को लेकर बहुत सहज नहीं है।
पीएम शेख हसीना ने कुछ महीने पहले एक साक्षात्कार में इसे लेकर नाराजगी जता चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि यह भारत का अंदरुनी मामला है, फिर भी यह प्रस्ताव क्यों पारित किया गया, इसे मैं नहीं समझ पा रही हूं। पिछले कई दशक से बांग्लादेश से भारत के रिश्ते लगातार मजबूत रहे हैं। रेल परियोजनाओं के अलावा भारत ने इस पड़ोसी देश को ऊर्जा क्षेत्र में कई मदद देने पर काम कर रहा है।