ये है पूरा मामला :
बृजेश पाल कानपुर-झांसी राजमार्ग पर स्थित नेशनल धर्मकांटा में मैनेजर थे। 16 जुलाई की रात वह धर्मकांटा से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे। सुबह चचेरे भाई सर्वेश ने उसके नंबर पर फोन किया तो उसे पांच दिन का समय देकर 20 लाख रुपये की फिरौती का इंतजाम करने के लिए कहा गया। इसके बाद से उसका फोन लगातार बंद था। एसपी अनुराग वत्स ने खुद घटनास्थल देखने के बाद एएसपी की अगुवाई में सर्विलांस सहित 11 टीमें बृजेश की खोज लगाईं थाी।
महिला सहित दर्जन भर लोगों से पूछताछ
पुलिस ने अपहृत बृजेश की सीडीआर के आधार पर कुछ संदिग्धों सहित एक महिला से भी पूछताछ की। महिला ने उससे टेलीफोनिक दोस्ती होने की जानकारी दी। इसके अलावा पुलिस की टीमों ने परिवार के लोगों और कुछ रिश्तेदारों से भी पूछताछ की, लेकिन किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।
अंडरवियर बनियान में गायब होना पहेली
बृजेश धर्मकांटा के जिस आफिस से गायब हुआ था उसके बाहर एक जेसीबी चालक व एक मजदूर सोया था लेकिन किसी को उसके अगवा होने की भनक तक नहीं लगी। सुबह धर्मकांटा आफिस का ताला बाहर से बंद था। बृजेश के पैंट-शर्ट अंदर रखे थे। मतलब साफ था कि उसे अंडरवियर बनियान में ही ले जाया गया।
पुलिस पर कोई जानकारी न देने का आरोप
बृजेश के अपहरण के मामले में परिजन, पुलिस पर उनके ही रिश्तेदारों पर सख्ती करने व संदिग्धों से चलताऊ पूछताछ करने का आरोप लगा रहे थे। भाई राजेश के मुताबिक पुलिस ने शुरुआत में तो कुछ जानकारी भी दी उसके बाद वह खुद थकी नजर आ रही थी।