संगीतकार एआर रहमान (A R Rehman) के परिवार को लेकर तमिल गीतकार पिरईसूदन (Piraisoodan) ने एक हैरान करने वाला खुलासा किया है। इससे पता चलता है कि रहमान का परिवार हिंदू चिह्नों व सभ्यता के प्रति कितना असहिष्णु है।
अपने साथ हुई घटना को याद करते हुए कवि व गीतकार पिरईसूदन ने बताया कि वे एक सरकारी कार्यक्रम में रहमान से मिले। वहाँ रहमान को उन्हें देख कर याद आया कि उन लोगों ने कैसे बीते समय में एक साथ काम किया था।
गीतकार पिरईसूदन के अनुसार, इसी कार्यक्रम में रहमान ने उन्हें पुरानी यादें और साथ को तरोताजा करने के लिए अपने घर आकर गाना लिखने को आमंत्रित किया। लेकिन जब पिरईसूदन रहमान के घर गए तो उनकी अम्मी ने उन्हें घर में विभूति और कुमकुम तिलक न लगाकर आने को कहा। इसे सुनते ही पिरईसूदन ने अपने माथे से धार्मिक चिह्नों को हटाने से मना कर दिया।
गौरतलब है कि हिंदू धर्म में विभूति और कुमकुम माथे पर लगाया जाता है। खासकर दक्षिण भारत में तो हर हिंदू के माथे पर ये चिह्न देखने को मिलते हैं। ऐसे में पिरई के लिए रहमान की अम्मी के शब्द किसी धक्के से कम नहीं थे।
यहाँ बता दें कि एआर रहमान जन्मजात मुसलमान नहीं है। उनके परिवार ने कुछ समय पहले तब इस्लाम कबूला था जब उनकी बहन और पिता बहुत बीमार पड़ गए थे और एक सूफी ने उनसे लड़की की जान बचाने के नाम पर इस्लाम कबूलने को कहा। इस घटना के बाद ही दिलीप कुमार से वे एआर रहमान बन गए और कस्तूरी शेखर बनी करीमा बेगम।
इसके बाद रहमान कई विवादों का हिस्सा बने। एक बार उन्होंने हिंदू देवताओं को अपने पिता की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था और कहा था जिसे उनके पिता पूजते थे, उन्होंने ही उसकी जान ली। वहीं रहमान की बहन खतीजा रहमान ने भी बुर्का को डिफेंड किया था और ये कह दिया था कि इससे लड़कियाँ सशक्त होती हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर अलग विवाद छिड़ने के बाद रहमान ने आरोप लगाया था कि बॉलीवुड के एक गैंग ने उनके ख़िलाफ़ काम किया ताकि उन्हें कम काम मिले। रहमान ने यह भी कहा कि उन्हें बहुत ‘डार्क’ फिल्में दी जाती हैं, अच्छी नहीं, क्योंकि अधिकांश लोग उस गैंग का हिस्सा हैं।