लखनऊ। 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ। इसके एक दिन बाद ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मुखिया ने राम मंदिर पर विवादित बयान दिया। मौलाना साजिद राशिदी ने राम मंदिर को तोड़ने की धमकी दी। राशिदी के मुताबिक़, आने वाले समय में मंदिर को तोड़ कर मस्जिद बनाई जा सकती है। विवादित ज़मीन पर मस्जिद था और वहीं रहेगी। इस बयान पर भाजपा प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने राशिदी को जवाब दिया है।
त्रिपाठी ने कहा, “यही भावना रही तो टीवी स्क्रीन से निकल कर कभी भी यूपी के चौराहों पर सरकारी पोस्टरों में चिपक जाओगे।” भाजपा प्रवक्ता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने ट्वीट कर कहा,
“यह 500 साल पुराना भारत नहीं है। यह मोदी जी का नया भारत है, UP, योगीजी, सीएए प्रदर्शन, पोस्टर, कुर्की, सरकारी वसूली यह सब याद है ना। वही जिससे बचने के लिए गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट तक दौड़े थे। यही भावना रही तो टीवी स्क्रीन से निकल कर कभी भी यूपी के चौराहों पर सरकारी पोस्टरों में चिपक जाओगे।”
मौलाना साजिद रशिदी ने राम मंदिर पर अपने बयान में कहा था,
“एक मस्जिद हमेशा एक मस्जिद ही रहती है। यह कुछ और बनाने के लिए तोड़ी नहीं जा सकती है। हम ऐसा मानते हैं और भरोसा करते हैं कि वहाँ मस्जिद थी और मस्जिद ही रहेगी। वह मस्जिद एक मंदिर को तोड़ कर नहीं बनाई गई थी, लेकिन अब ऐसा हो सकता है कि कभी मंदिर तोड़ कर उस जगह पर मस्जिद बनाई जाए। प्रधानमंत्री ने अयोध्या के मंदिर निर्माण कार्यक्रम में शामिल होकर संविधान की अवहेलना की है। उस ज़मीन पर बाबरी मस्जिद थी जिसे हिटलर की फ़ौज से मिलते -जुलते लोगों ने तोड़ा था। जो लोग इंसाफ में भरोसा रखते हैं वह किसी न किसी दिन उस मंदिर को मस्जिद में तब्दील कर देंगे।”
लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लीमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मुद्दे पर जहर उगला था। ओवैसी ने कहा था कि बाबरी मस्जिद थी और वही रहेगी। बुधवार की सुबह ट्वीट करते हुए ओवैसी ने कहा “बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंशाअल्लाह #BabriZindaHai।”
इसके अलावा ओवैसी ने यह भी कहा प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान की शपथ का उल्लंघन किया है। हिंदुत्व की कामयाबी धर्मनिरपेक्षता की हार है। यह सिर्फ और सिर्फ हिंदू राष्ट्र की नींव रखी गई है। जहाँ मुसलमानों ने नमाज़ पढ़ी उसे सर्वोच्च न्यायालय में झूठ बोल कर तबाह किया गया। ओवैसी के मुताबिक़ प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भूमि पूजन को सिम्बल ऑफ़ इंडिया बताया, जबकि देश का सिम्बल कोई भी धार्मिक जगह नहीं हो सकती है।
4 अगस्त के दिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से भी राम मंदिर मुद्दे पर बयान जारी किया गया था। बोर्ड द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था, “बाबरी हमेशा एक मस्जिद ही रहेगी। हागिया सोफ़िया इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। अन्यायपूर्ण, दमनकारी और शर्मनाक तरीके से ज़मीन पर कब्ज़ा किया गया। बहुसंख्यक समाज के तुष्टिकरण वाले इस निर्णय से मस्जिद का दर्जा नहीं बदल सकता। दिल तोड़ने की ज़रूरत नहीं है, हालात हमेशा एक जैसे नहीं रहते हैं।”