भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और कैप्टन कूल कहे जाने वाले महेन्द्र सिंह धोनी ने राष्ट्रीय चयन समिति के फैसले को पलटते हुए झारखंड की ओर से विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने से इंकार कर दिया है. जबकि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने दो दिन पहले सार्वजनिक रूप से उनके क्वार्टर फाइनल में खेलने की घोषणा की थी.
इस मौजूदा घटना से स्पष्ट हो गया कि चयनकर्ताओं और सीनियर खिलाड़ियों के बीच कोई संवाद नहीं हो रहा औऱ खिलाड़ी अपने बारे में फैसला खुद ले रहे हैं.
धोनी पिछले दो साल से बल्लेबाज के तौर पर फॉर्म में नहीं है, उनके महाराष्ट्र के खिलाफ झारखंड का क्वार्टर फाइनल मैच खेलने की उम्मीद थी.
लेकिन शनिवार को झारखंड के मुख्य कोच राजीव कुमार ने बेंगलुरू में पत्रकारों को बताया कि धोनी ने क्वार्टर फाइनल में नहीं खेलने का फैसला किया जबकि मुख्य चयनकर्ता ने इससे पहले उनके इसमें हिस्सा लेने की घोषणा की थी.
झारखंड के कोच कुमार ने कहा, ‘‘धोनी को लगता है कि इस राउंड में टीम से जुड़ना उचित नहीं होगा, क्योंकि टीम ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया है और उनकी अनुपस्थिति में क्वार्टर फाइनल तक जगह बनायी है. वह टीम का संतुलन नहीं बिगाड़ना चाहते.’’
धोनी ने इस साल 22 दिन (15 वनडे और सात टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच) ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है जिससे वह जब भी लंबे ब्रेक के बाद खेलते हैं तो फॉर्म में नहीं दिखते.
धोनी के फैसले के बाद अब ये भी सवाल उठने लगे हैं कि क्या प्रसाद ने सार्वजनिक घोषणा करने से पहले धोनी से इस बारे में बात की थी.
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने शनिवार को कहा, ‘‘मैं जानना चाहूंगा कि एमएसके प्रसाद कैसे धोनी से संपर्क करते हैं.’’