केरल में आज (अगस्त 13, 2020) कोट्टायम अदालत ने नन के बलात्कार मामले में जालंधर डायोसिज के बिशप फ्रैंको मुलक्कल (Bishop Franco Mulakkal) के विरुद्ध आरोप तय कर दिए।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए मुलक्कल के विरुद्ध आईपीसी के तहत तय किए गए आरोपों को पढ़ कर सुनाया। इस बीच मुलक्कल अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार करते रहे। लेकिन कोर्ट ने अगली तारीख देते हुए कहा कि इस संबंध में 16 सितंबर को पीड़िता से पूछताछ की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, मुलक्कल के खिलाफ़ आईपीसी की धारा 342, 376 (c)(a), 376 और 506 के तहत मामला दर्ज हुआ है। सुनवाई में बिशप ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से मना किया। उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह न्यायपालिका में विश्वास रखते हैं और अदालत जो भी कहेगी वह उसका पालन करेंगे।
इससे पहले बिशप फ्रैंको मुलक्कल को कड़ी शर्तों पर अदालत से जमानत दी गई थी और आज के दिन यानी सुनवाई के दिन अदालत में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने बिशप के वकील से कहा था कि न्यायालय इस मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा लेकिन आरोप मुक्त करने के मुद्दे पर ही याचिका खारिज की जा रही है।
गौरतलब है कि बिशप के खिलाफ कोट्टायम जिले में पुलिस ने रेप का मामला दर्ज किया था। हाई कोर्ट में दायर याचिका में पादरी ने कहा था कि जब उन्होंने पीड़िता नन से वित्तीय लेन-देन को लेकर सवाल किया तो उसने उन्हें फँसा दिया।
इस मामले की प्रमुख गवाहों में से एक सिस्टर लिसी ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि उनके वरिष्ठ लोग लगातार उन पर फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ दिए गए बयान को बदलने के लिए दबाव डाल रहे हैं। वहीं आरोपित बिशप को नोटिस जारी करने के बाद केरल पुलिस के एक अधिकारी का तत्काल तबादला कर दिया गया था।