दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जाँच पर मुहर लगा दी है। बुधवार (अगस्त 19, 2020) को सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि आगे कोई भी FIR इस मामले में दर्ज हुई तो सीबीआई उसे भी देखेगी। उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के आते ही बॉलीवुड फिल्म निर्देशक महेश भट्ट फौरन मीडिया में अपने बारे में प्रायोजित (स्पॉन्सर्ड) आर्टिकल छपवाते देखे गए।
बृहस्पतिवार (अगस्त 20, 2020) सुबह ही समाचार पत्र हिन्दुस्तान टाइम्स में महेश भट्ट के सम्बन्ध में एक लेख प्रकाशित हुआ है, जिस पर स्पष्ट रूप से ‘प्रायोजित लेख’ लिखा गया है। यानी इस लेख को प्रकशित करने के लिए ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ को इसकी अलग से कीमत चुकाई गई है।
बॉलीवुड में नए लोगों को अवसर देने को लेकर महेश भट्ट का महिमामंडन कर रहे इस लेख का शीर्षक है – “महेश भट्ट ने बॉलीवुड में कई युवा सपनों को पंख दिए हैं।” (Mahesh Bhatt has given wings to many young dreams in Bollywood)
हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा इस लेख को ‘ब्रांड स्टोरीज’ के अंतर्गत ‘प्रोमोशनल फीचर’ कॉलम में स्थान दिया गया है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जाँच सीबीआई के हवाले होते ही महेश भट्ट को मीडिया मैनेजमेंट की जरूरत क्यों पड़ गई?
नेपोटिज्म की इस बहस के जोर पकड़ने के साथ ही सुशांत सिंह राजपूत की प्रेमिका और बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती भी शक के घेरे में आ गईं और दिवंगत अभिनेता के पिता ने रिया चक्रवर्ती के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए, जिन्हें लेकर अब सीबीआई जाँच कर रही है।
सुशांत की मौत की जाँच के दौरान रिया की महेश भट्ट से नजदीकियों के तथ्य भी सामने आए और रिया की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से इसका खुलासा हुआ है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के नहीं रहने पर उनकी गर्लफ्रेंड एवं अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती फिल्म डायरेक्टर महेश भट्ट से बात करती थीं।
इन दोनों के बीच 20 से 25 जनवरी के बीच सबसे ज्यादा बात हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, रिया चक्रवर्ती ने 8 जून से 13 जून के बीच महेश भट्ट से कई बार बात की। इनमें से 9 कॉल ऑउटगोइंग थीं बाकी इनकमिंग। ईडी के सोर्सेज के अनुसार, 8 जून से 13 जून के बीच रिया और महेश की बातचीत अचानक काफी बढ़ गई थी।
वहीं, महेश भट्ट के ऑफिस में काम करने वालीं उनकी सहायक सुहरिता दास ने फेसबुक पर रिया से जुड़े कई खुलासे किए थे। इसमें उन्होंने बताया था कि रिया, सुशांत के बारे में महेश भट्ट से सलाह लेती थीं और उन्होंने रिया को सुशांत से दूर रहने को कहा था।
ऐसे में यह देखना दिलचस्प है कि इतने वर्षों तक इंडस्ट्री में कभी अपनी भूतपूर्व प्रेमिकाओं की आत्महत्या की कहानियाँ, तो कभी गैंगस्टर्स की कहानियाँ बेचकर एक मुकाम हासिल करने वाले महेश भट्ट को सीबीआई जाँच के दौरान इस तरह के प्रायोजित मीडिया मैनेजमेंट की जरूरत क्यों पड़ गई?