कानपुर। उत्तरप्रदेश के कानपुर में हिना परवीन को उसके शौहर नूरजादे ने सऊदी अरब जाकर मोबाइल से तीन तलाक दे दिया। ससुराल वालों ने पीट-पीटकर घर से भगा दिया। देवर ने ‘छपाक-2’ बनाने की धमकी दी। जब न्याय की गुहार लगाई तो इंसाफ की जगह उसे शरीयत मानने की सलाह दी गई।
कार्रवाई के बदले थाने के मुस्लिम दारोगा मंसूर अहमद ने उसे बताया कि तीन तलाक कानून कुछ नहीं होता। शरीयत के हिसाब से उसका तलाक हो गया है। अब वह उसी को माने। दरोगा ने महिला के विरोध पर यह भी कहा कि उसके जैसी लड़कियों के कारण ही लोग मुस्लिमों के मामले में हस्तक्षेप करते हैं।
दारोगा ने महिला से यह भी कहा, “तुम पहली लड़की नहीं हो, जिसे तीन तलाक मिला। ये मुस्लिमों में शरिया कानून के तहत होता आया है, जिसे तुम्हें मानना चाहिए, भारत के कानून को भूल जाओ, सिर्फ़ शरिया को मानो।”
पूरा मामला
कानपुर के सुजातगंज निवासी हिना परवीन का निकाह पिछले साल 5 जुलाई को अजीतगंज के नूरजादे उर्फ इशान से हुआ था। निकाह के तीन माह बाद ही नूरजादे सऊदी अरब चला गया। 27 अक्टूबर को उसने परवीन को मोबाइल के जरिए तीन तलाक दिया। ससुराल ने भी तलाक की जानकारी पाते ही उसे पीट-पीटकर घर से निकाल दिया।
महिला के मुताबिक जब उसे ससुराल वालों के ख़िलाफ़ एफआईआर करवाई तो उसके देवर फैसल ने एसिड अटैक करके छपाक-2 बनाने की धमकी दी। इसके बाद महिला ने इसी साल जनवरी में वीडियो बनाकर मदद माँगी थी।
हिना परवीन को डर था कि उनके मामले की जाँच में बाधा आ जाएगी, क्योंकि उनके ससुराल वाले बाबू पुरवा थाने में पुलिस को प्रभावित कर सकते हैं। इसकी वजह से, उसने अधिकारियों से उसका मामला रेल बाजार पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने की माँग की। फिर उसका केस रेल बाजार में स्थांतरित करवाया गया। वहाँ मंसूर अहमद को जाँच सौंपी गई। लेकिन उन्होंने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। फिर ये केस पवन दुबे को दिया गया।
कानपुर तीन तलाक पीड़िता के मामले पर पुलिस ने दिखाई निष्क्रियता
11 अगस्त को इस मामले में इंस्पेक्टर पवन दुबे ने हिना के पति नूरजादे को गिरफ्तार करके जेल भेजा। हैरानी की बात ये है कि एफआईआर से नूरजादे को छोड़कर सभी का नाम हटा दिया गया है। हिना ने इसके लिए पुलिस की निष्क्रियता को आरोप लगाया। उसने कहा कि उसे अपने शौहर और उसके परिवार के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाए 9 महीने हो गए हैं। लेकिन उनके खि़लाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
हिना का यह भी कहना है कि उसके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि उसके पति ने पुलिस को 50 हजार की घूस दी ताकि उसके परिवार वालों का नाम एफआईआर से हटा दिया जाए। फोन रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए हिना ने बताया कि उससे साफ पता चल रहा है कि उसके शौहर ने अपने परिवार के साथ मिल कर कर उसके ख़िलाफ़ साजिश रची। उसने उस रिकॉर्डिंग में माना है कि उसने हिना से निकाह भी पैसों के लिए किया था।
ऑडियो रिकॉर्डिंग में नूरजादे को पुलिस प्रशासन और प्रधानमंत्री को लेकर भी घटिया भाषा का प्रयोग करते सुना जा सकता है। ऐसे में हिना का सवाल है कि इतना पुख्ता सबूत होने के बाद भी पुलिस एक्शन क्यों नहीं ले रही।
हिना यह भी पुष्टि करती है कि वह बाबू पुरवा थाने के सीओ आलोक सिंह से मिली थी और यह पूछा था कि पुलिस ने आरोपितों का नाम एफआईआर से क्यों हटाया। आलोक सिंह ने कथित तौर पर हिना को आश्वासन दिया कि वह इस मामले में तेजी लाएँगे। उसने कहा कि आलोक सिंह के निर्देश पर, IO पवन दुबे ने उसे फोन किया और कॉन्फ्रेंस कॉल पर पूर्व IO मंसूर अहमद को ले लिया। हिना के मुताबिक, पहले पवन दुबे ने ही उसे बताया कि मॅंसूर अहमद ने मामले के अन्य आरोपितों के नाम हटा दिया था, लेकिन बाद में उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया।।
गौरतलब है कि हिना परवीन जो पिछले 9 महीनों से पर्याप्त सबूतों के आधार पर न्याय माँग रही हैं, उसकी अब भी यही माँग है कि पुलिस को सारे आरोपितों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए।
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