लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय की बीते शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारे में कयासबाजी तेज हो गई है. ऐसा माना जा रहा है कि ब्राह्मणों को साधने के लिए रामवीर उपाध्याय को बीजेपी अपने खेमे में शामिल कर सकती है. रामवीर उपाध्याय के पुत्र चिरागवीर उपाध्याय के भी भाजपा में शामिल होने की खबर है.
चार बार विधानसभा सदस्य रहे हैं रामवीर उपाध्याय
हालांकि ऐसी चर्चाएं 2017 के विधानसभा चुनाव के वक्त से ही चल रही हैं, लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी से रामवीर उपाध्याय की मुलाकात के बाद संभावनाओं को बल मिलता नजर आ रहा है. राजनीति में रामवीर उपाध्याय की पहचान एक अनुभवी नेता के रूप में होती है. वह बहुजन समाज पार्टी से चार बार (1996, 2002, 2007, 2012) विधानसभा सदस्य रह चुके हैं. बीते साल लोक सभा चुनाव से पहले बसपा प्रमुख मायावती ने रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निलंबित कर दिया था. उन पर आरोप लगा कि आगरा, फतेहपुर सीकरी, अलीगढ़ आदि सीटों पर उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों का विरोध किया.
बेटे को सौंपना चाहते हैं अपनी राजनीतिक विरासत?
रामवीर उपाध्याय के छोटे भाई पूर्व एमएलसी मुकुल उपाध्याय भाजपा में पिछले साल शामिल हो गए थे. उसके बाद से मुकुल उपाध्याय भाजपा में सक्रिय हैं. वहीं रामवीर उपाध्याय के एक और भाई विनोद उपाध्याय जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. वह भी जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा का पटका पहने दिख चुके हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रामवीर उपाध्याय अपनी राजनीतिक विरासत अपने पुत्र चिरागवीर को सौंपना चाहते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव से ही चिरागवीर की राजनीतिक सक्रियता दिखाई देने लगी थी, जब वह सादाबाद में अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार करने उतरे थे.