लखनऊ। क्या सच में कोई भूत बंगला होता है? ऐसा बंगला जिसे मनहूस कहा जाता हो, जहां रहने से लोग डरते हों. जिस बंगले को लेकर लोगों का यह मानना हो कि यहां रहने वालों का कभी भला नहीं हुआ है. कुल मिलाकर रहने वालों के लिए यह बंगला अपशकुनी माना जाता है. लेकिन, योगी सरकार के इस मंत्री ने इस कहावत को झूठा कर दिया है. वे जब से इस बंगले में शिफ्ट हुए हैं, तब से उनका भला ही भला हो रहा है. उन्होंने एक मनहूस बंगले को शुभ बंगला बना दिया है.
यह है यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल नंदी. वे एक उद्ययोगपति हैं और योगी कैबिनेट में स्टांप-पंजीकरण और सीविल एविएशन जैसे अहम विभागों के मंत्री हैं. लेकिन, वह एक भूत बंगले में रहते हैं. फिलहाल, वे लखनऊ के जिस बंगले में रहते हैं उसे भूत बंगला ही कहा जाता था. सरकार को कोई भी मंत्री या अफसर इस बंगले में रहने के लिए तैयार नहीं था. अब इस बंगले में नंद गोपाल नंदी रहते है. खुद मंत्री यह मानते हैं कि इस बंगले को लोग भूत बंगला कहते हैं.
लखनऊ के कालीदास मार्ग पर बना यह बंगाल मुख्यमंत्री अवास के ठीक बगल में है. इसी बंगले के ठीक दूसरी तरफ सूबे के उप-मुख्यमंत्री केशव मौर्या का बंगला है. यानी मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के अवास के ठीक बीच में बना यह बंगला नंबर-6 है. कहा जाता है कि यहां जो रहने आया वो विवादों में घिरा और परेशानियों से दो-चार होता रहा. किसी की नौकरी गई. कोई जेल गया तो किसी का विभाग और मंत्रालय ही छीन गया. इस बंगले में रहने आए लोग परेशानियों से घिरे रहे हैं. शायद यह इत्तेफाक हो, पर सच है.
सबसे पहले यह बंगला यूपी के ताकतवर नौकरशाहों को अलॉट हुआ, लेकिन उनके साथ जो हुआ उससे नौकरशाहों में इस बंगले को लेकर इतनी दहशत हो गई कि कोई भी नौकरशाह इस बंगले में रहना तो दूर इसके नाम से डरने लगे. सबसे पहले यह बंगला तत्कालीन यूपी की ताकतवर महिला नौकरशाह नीरा यादव को दिया गया. मुलायम सरकार के दौरान मुख्य सचिव रहीं नीरा यादव इसी बंगले में रहती थीं. वे नोएडा प्लॉट घोटाले में फंसी और उन्हें जेल भी जाना पड़ा.
दूसरा नाम आइएएस अधिकारी प्रदीप शुक्ला का है. प्रदीप शुक्ला प्रमुख सचिव, सामाजिक कल्याण के तौर पर यहां आए थे. यहीं रहने के दौरान ही वो एनएचआरएम घोटाले में फंस गयह. इस बंगले से निकले और सीधे जेल पहुंच गए.
इसके बाद यह बंगला मुलायम सिंह यादव सरकार में समाजवादी पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमर सिंह को अलॉट हुआ, लेकिन समय के साथ-साथ उनका राजनीतिक करियर भी डाउन होता चला गया. उनकी अखिलेश यादव से ऐसी ठनी की उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
सरकार बदली तो बीएसपी सरकार में यह बंगला सरकार के सबसे कद्दवार मंत्री बाबू सिंह कुशवहा को अलॉट किया गया था. मायावती सरकार में बाबू सिंह सबसे ताकतवर मंत्री माने जाते थे. वे यहां दरबार लगाते थे, पर अब वे जेल में हैं. कुशवाहा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया. कुशवाहा सीएमओ हत्याकांड के साथ ही एनआरएचएम घोटाले में आरोपी हैं.
इसी बंगला नंबर छह में समाजवादी सरकार के मंत्री वकार अहमद शाह भी रहे. बंगले में रहने के दौरान ही उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई और वो कोमा में चले गए. तबीयत ज्यादा खराब होने पर शाह के परिजनों ने बंगला छोड़ दिया था. वकार शाह के बेटे यासर शाह समाजवादी सरकार में मंत्री भी बने, लेकिन यहां कभी रहने नहीं आए.
इसके बाद यह बंगला राजेंद्र चौधरी को दिया गया, लेकिन इसमें रहने के दौरान उनका मंत्रालय चला गया और वे भी इस बंगले को छोड़ कर चले गयह.इस बंगले को अखिलेश के करीबी दर्जाप्राप्त मंत्री जावेद आब्दी को आंवटित किया गया, लेकिन जल्द ही भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यमंत्री और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष जावेद अब्दी को पद से बर्खास्त कर दिया था.
इन तमाम घटनाओं के बाद एक अंधविश्वास इस बंगले के साथ जुड़ गया. इस बंगले को अफशकुनी करार दे दिया गया. इतना ही नहीं स्थानीय लोग तो इसे भूत बंगला भी कहने लगे. योगी सरकार बनने के बाद उम्मीद थी कि यह अंधविश्वास टूटेगा. अंधविश्वास टूटा और बंगला सरकार के मंत्री एसपी बघेल को अलॉट किया गया. एसपी बघेल ने बकायदा पूजा पाठ कराकर गृह प्रवेश किया, लेकिन जल्द ही उन्होंने भी बिना कोई वजह बताए बंगला छोड़ दिया.
सही मायने में इस अंधविश्वस को तोड़ा योगी सरकार के मंत्री नंदगोपाल नंदी ने. नंदी इस बंगले से जुड़ी कहानियां जानते हैं इसके बावजूद वो इस बंगले में रहना चाहते थे और इसीलिए बंगले को अपने नाम से अलॉट कराया. नंदी की माने तो यह बंगला भले ही दूसरो के लिए अपशकुनी रहा हो, लेकिन इस बंगले में रहने के बाद उनका शुभ ही शुभ हो रहा है.
जी न्यूज से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि वो सिर्फ भगवान पर यकीन करते हैं. इन्हें अब इस बंगले से पॉजिटिव एनर्जी मिलती है और यह अब इसी बंगले में ही रहना चाहते हैं. वैसे यह भी कहा जाता है कि नंदी हमेशा से किस्मत के धनी रहे हैं. बम से हुए हमले के बाद भी नंदी सुरक्षित बच गए थे और अब सबके लिए अनलकी साबित हुए बंगले में रह कर अपनी किस्मत पलटने में कामयाब हो रहे हैं.