पीड़िता दलित है लेकिन चूँकि हमलावर मुस्लिम हैं, इसीलिए ‘सेलेक्टिव सेकुलरिज्म’ के कारण बड़े-बड़े राजनीतिक दलों के झंडाबरदार वहाँ नहीं जा रहे हैं लेकिन हाथरस में गिरने का नाटक कर रहे हैं।
बलरामपुर। हाथरस केस की मीडिया से लेकर राजनीति के गलियारों तक खूब चर्चा है। लेकिन उत्तर प्रदेश के ही बलरामपुर में दलित छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले को लेकर वैसा आक्रोश नहीं दिख रहा है। बलरामपुर के गैसड़ी थाना स्थित मझौली गाँव में जिस तरह से दलित छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ और फिर उसकी मौत हुई, वह राष्ट्रीय मीडिया में चर्चा का विषय नहीं बन पाई।
इस मामले में शाहिद और साहिल की गिरफ्तारी हो चुकी है। हैवानियत के वक्त छात्रा के साथ किस तरह दरिंदगी की गई उसका पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से चलता है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गैंगरेप की शिकार छात्रा के शरीर पर चोट के 10 निशान मिलने की बात कही गई है। गाल, छाती, जाँघ, कोहनी और घुटने पर निशान मिले हैं।
हाथरस को लेकर चल रहे हंगामे के बीच बलरामपुर की घटना को लेकर उतनी चर्चा न होने से इस मामले में न्याय की माँग कमजोर न हो जाए, ऐसा कई लोगों को डर है। ये घटना मंगलवार (सितम्बर 29, 2020) की है। 22 वर्षीय पीड़िता लक्ष्मी (बदला हुआ नाम) के परिवार के सभी लोग शिल्पकार का कार्य करते हैं। ये लोग देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ बनाने के साथ-साथ पत्थर के सिलबट्टे इत्यादि बनाते थे।
उत्तर प्रदेश में शिल्पकार वर्ग एससी-एसटी समुदाय के अंदर आता है। कुछ स्थानीय लोगों ने पीड़िता के नाबालिग होने की बात भी कही है। हमने इस पूरे मामले की जानकारी के लिए बजरंग दल के अवध प्रान्त सह-संयोजक महेश तिवारी से बातचीत की, जिन्होंने बताया कि कॉलेज से लौटने के दौरान ही छात्रा का अपहरण कर लिया गया और उनमें से एक के कमरे पर पीड़िता को ले जाया गया।
ACS Home Avnish K Awasthi and ADG Law & Order Prashant Kumar interact with the family members of the alleged gangrape victim in Balrampur.
A 22-year-old woman died after she was allegedly gangraped in the district on September 29. The accused has been arrested. pic.twitter.com/NYnNtixjss
— ANI UP (@ANINewsUP) October 4, 2020
वहाँ गैंगरेप के बाद जब पीड़िता की हालत बिगड़ने लगी तो आरोपितों ने एक डॉक्टर को बुला कर उसका इलाज कराना चाहा, लेकिन उसकी स्थिति देख कर डॉक्टर ने इलाज करने से इनकार कर दिया। महेश तिवारी ने बताया, “एक स्थानीय मेडिकल प्रैक्टिशनर को बुला कर पीड़िता के इलाज के लिए लाया गया। उसने देखा कि कमरे में कोई महिला नहीं है जो पीड़िता पर ध्यान दे सके, तो उसे वहाँ की गतिविधियाँ संदिग्ध लगीं।“
इसके बाद किसी अन्य डॉक्टर को बुला कर पीड़िता के इलाज की कोशिश की गई। इस दौरान पीड़िता को इंजेक्शन भी लगाया गया था, जिसके बारे में साफ़ नहीं था कि ये डॉक्टर ने लगाया या फिर आरोपितों ने। महेश तिवारी ने बताया, “पीड़िता को कुछ ऐसा रसायन इंजेक्ट कर दिया गया कि उसका नीचे का पूरा शरीर ही सुन्न हो गया और वो चलने-फिरने में अक्षम हो गई। फिर उसे ई-रिक्शा पर बिठा कर घर भेज दिया गया।“
आरोपितों ने ही ई-रिक्शा की व्यवस्था कर पीड़िता को उसके घर भेजा। चूँकि उसके शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं कर रहा था, इसीलिए उसके घर पर पहुँचने पर परिजनों ने ही उसे उतारा। इसके बाद पीड़िता के पिता की तरफ से थाने में तहरीर दी गई, जिसेक आधार पर एफआईआर दर्ज हुई। तत्पश्चात शाहिद और साहिल नामक दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया, जिसकी पुष्टि पुलिस ने भी की है।
मृतका का निवास स्थान गैसड़ी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मझौली गाँव में पड़ता है। मृतका के पिता हनुमान शिल्पकार (बदला हुआ नाम) पत्थरों से शिल्पकारी व संरचनाएँ बनाने का कार्य करते हैं। महेश तिवारी ने बताया कि उनके संगठन के कई कार्यकर्ताओं ने भी पीड़ित परिवार से मिल कर उनका हाल जाना है और साथ ही उनका दुःख बाँटा।
बजरंग दल के जिला संयोजक चन्दन मिश्र ने बताया कि उन्होंने परिजनों से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि उक्त छात्रा ‘विमला विक्रम विद्यालय’ में पढ़ती थी। वो वहीं से परीक्षा का फॉर्म भर कर लौट रही थी, तभी उसके साथ ये घटना हुई। चन्दन मिश्र ने बताया, “मुझे पीड़ित परिजनों ने जानकारी दी कि छात्रा जब लौटी तो उसने अपने शरीर पर चोट के कई निशान दिखाए। उसे काफी बुरी तरह मारा-पीटा गया था।”
एफआईआर की कॉपी में लिखा है, “लक्ष्मी (बदला हुआ नाम) को जब ई-रिक्शा से घर भेजा गया, तब उसके साथ 10 साल का एक लड़का भी था, जो उसे उतार कर चला गया। मेरी बहन के हाथ में वीगो लगा हुआ था। जब उसकी हालत बहुत खराब हो गई, तब हम दवा के लिए उसे अस्पताल ले जा रहे थे, रास्ते में उसकी मौत हो गई।“
कोतवाली गैसड़ी प्रकरण को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश का विरोध पीड़िता के घर वालों और गाँव वालों ने किया। प्रकरण की जाँच की जा रही है। @Uppolice @adgzonegkr @digdevipatan @dgpup @InfoDeptUP @CMOfficeUP @bstvlive @NewsNationTV @News18UP pic.twitter.com/XkWUpZ4bYA
— BALRAMPUR POLICE (@balrampurpolice) October 3, 2020
चन्दन मिश्र ने बताया, “जब घरवाले पीड़िता की गंभीर स्थिति को देखते हुए वहाँ से अस्पताल ले जाने लगे, तभी उसकी मौत हो गई।” उन्होंने कहा कि उनका संगठन इस घड़ी में परिवार के साथ है और उन पर कोई प्रशासनिक दबाव वगैरह नहीं हो, इसे सुनिश्चित करने में लगा हुआ है। वहीं विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने इस प्रकरण पर कहा,
“छात्रा को जिस तरह से दिन-दहाड़े बाइक पर बिठा कर ले जाया गया, ये लव-जिहाद, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या – इन तीनों का मामला है। पीड़िता दलित है लेकिन चूँकि हमलावर मुस्लिम हैं, इसीलिए ‘सेलेक्टिव सेकुलरिज्म’ के कारण बड़े-बड़े राजनीतिक दलों के झंडाबरदार वहाँ नहीं जा रहे हैं लेकिन हाथरस में गिरने का नाटक कर रहे हैं। लोगों की सहानुभूति के लिए ऐसा किया गया। यही लोग महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं लेकिन सब एकतरफा।”
पुलिस ने भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद प्रथम दृष्टया पाया है कि छात्रा के साथ बलात्कार हुआ था। परिजनों ने ये भी कहा है कि उन्हें इस घटना पर राजनीति नहीं चाहिए।
बलरामपुर पुलिस ने भी इस घटना को सांप्रदायिक रंग न देने को कहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने गाँव में बैरेकेडिंग भी कर रखी है, जिससे लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने में परेशानी हो रही है। हमने कई नंबरों पर कॉल कर के पुलिस का बयान लेना चाहा, लेकिन पुलिस से हमारा संपर्क नहीं हो पाया। रविवार को राज्य के अपर मुख्य सचिव सहित कई आला अधिकारी बलरामपुर पहुँचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर स्थिति की समीक्षा की।
यह भी सामने आया है कि बलरामपुर स्थित गैसड़ी में दलित छात्रा से गैंगरेप मामले में आरोपितों में से दो चाचा-भतीजा ही हैं। पीड़िता का अंतिम संस्कार भी पुलिस की निगरानी में हुआ और परिजनों ने भी इससे सहमति जताई। हालाँकि, अंतिम संस्कार के बाद मृतका के घर के आसपास सुरक्षा-व्यवस्था ज़रूर कड़ी कर दी गई है। मृतका बीकॉम प्रथम वर्ष की छात्रा थी। परिजनों को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी दे दिया गया है। दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।