हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित बलात्कार व मौत के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) पांचवीं बार पीड़िता के गांव बूलगढ़ी पहुंची. जांच टीम ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की, इसके बाद क्राइम सीन और दाह संस्कार स्थल का निरीक्षण किया. ऐसा माना जा रहा है कि 7 अक्टूबर को एसआईटी हाथरस कांड में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप देगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने 29 सितंबर को गृह सचिव भगवान स्वरूप के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन कर 7 दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की थी.
एसआईटी ने गांव के लोगों से की बात
एसआईटी सदस्य गृह सचिव भगवान स्वरुप, डीआईजी चंद्रप्रकाश, आईपीएस पूनम के साथ फॉरेंसिक विशेषज्ञ भी मौजूद इस बार पीड़िता के गांव पहुंचे. एसआईटी सदस्यों ने पीड़ित के गांव के लोगों से बात की. आपको बता दें कि टीम अब इस बात की भी जांच कर रही है कि पीड़िता के गांव में पीएफआई ने किस तरह की अफवाह फैलाई और दंगे कराने की साजिश रची? एसआईटी ने चंदपा थाने का दौरा किया, जहां हाथरस कांड का केस दर्ज किया गया था. वहीं, हाथरस के सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट), अपर जिला जज भी पीड़ित परिवार से मिलने मंगलवार को उनके घर पहुंचे.
क्या है हाथरस कांड? जानिए पूरा मामला?
हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र के बुलगढ़ी गांव में बीते 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित युवती से कथित गैंगरेप की वारदात सामने आई थी. इस मामले में गांव के ही 4 युवकों पर आरोप लगा है, सभी गिरफ्तार कर लिए गए हैं. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता की 29 सितंबर को मौत हो गई थी. इस मामले में चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं. हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था. यूपी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय SIT गठित की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में CBI जांच की सिफारिश भी कर दी है. पीड़िता का शव जल्दबाजी में जलाने और लापरवाही बरतने के आरोप में हाथरस एसपी और डीएसपी समेत 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं.