उद्धव सरकार को केंद्रीय मंत्री ने बताया अमर, अकबर, एंथनी, बोले- अपने आप गिर जाएगी

पुणे। केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने मंगलवार को महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार को “अमर, अकबर और एंथनी” सरकार बताते हुये कहा कि यह अपने आप ही गिर जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि भाजपा एक “मजबूत” विपक्षी पार्टी की भूमिका निभाती रहेगी। भाजपा सांसद ने संवाददाताओं से कहा, “यह एक अमर, अकबर, एंथनी सरकार है। अगर यह सरकार अपने आप गिरती है, तो हमपर दोष नहीं लगाया जाना चाहिए।”

शिवसेना के अलावा, कांग्रेस और राकांपा महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के दो अन्य घटक दल हैं। अमर अकबर एंथनी 1977 में आई एक बॉलीवुड फिल्म है, जिसमें तीन भाई थे जो बचपन में बिछड़ जाते हैं और उनका पालन-पोषण तीन अलग-अलग धर्मों वाले परिवारों ने किया था। उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री केंद्र द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों को लेकर चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि नए कानूनों ने किसानों को अपनी उपज को कहीं भी बेचने की आजादी दी है।

उन्होंने कहा कि केंद्र बाजार समितियों को बंद नहीं करना चाहता (जैसा कि विपक्ष द्वारा प्रचारित किया जा रहा है)। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के बारे में पूछे जाने पर, मंत्री ने कहा कि यह एक “दुर्भाग्यपूर्ण” घटना है।

एक प्रश्न के जवाब में, दानवे ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद लोगों को हाथरस पीड़िता के गांव में जाने की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा, ”यहां तक ​​कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी गांव का दौरा किया और कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया।” यह पूछे जाने पर कि क्या हाथरस, कृषि कानून और सुशांत सिंह राजपूत मामले जैसी घटनाओं ने भाजपा की छवि खराब की है, मंत्री ने इसका जवाब ना में दिया।

उन्होंने कहा, “सुशांत सिंह मामले से हमारी छवि पर कोई असर नहीं पड़ा है। सीबीआई मामले की जांच कर रही है। एजेंसी की जांच पूरी होने के बाद ही कोई टिप्पणी कर सकता है।” गौरतलब है कि एम्स के एक मेडिकल पैनल ने हाल ही में सीबीआई को सौंपी अपनी रिपोर्ट में अभिनेता की मौत के मामले में हत्या के पहलू को खारिज कर दिया।

दानवे ने कहा कि किसानों के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न उपायों की तुलना में कांग्रेस किसानों के लिए कुछ भी करने में विफल रही है। दानवे ने कहा, “मौजूदा बजट में, कृषि क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है और ‘किसान सम्मान योजना के तहत 10 करोड़ किसानों को कुल 93,000 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है।” उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार है जिसने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने देश में खाद्यान्न के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया है।

उन्होंने कहा, “पिछले छह वर्षों में, प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के हित में कई फैसले लिए हैं, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को यह बात हजम नहीं हो रही है और इस तरह कृषि कानून के बारे में भ्रम फैला रहे हैं।”