विजय हजारे ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में दिल्ली ने झारखंड को दो विकेट से हराकर फाइनल में जगह बना ली. हालाकि ये मैच इतना आसान नहीं था जितनी आसानी से इसे लिख दिया गया है. 200 रनों के लक्ष्य के सामने दिल्ली की एक समय संघर्ष कर रही थी और 149 के कुल स्कोर पर उसके 8 विकेट गिर गए थे. झारखंड ने मैच में दबाव जरूर बनाया लेकिन अंत में उसे दो गेद पहले मायुसी हाथ लगी.
दिल्ली की इस जीत में पवन नेगी(49 गेंदों पर नाबाद 39) ने अद्भुत खेल दिखाया. 9वें विकेट के लिए नवदीप सैनी(38 गेंदों पर नाबाद 13) के साथ अटूट अर्द्धशतकीय साझेदारी(51) कर उन्होंने टीम को दो गेंद पहले फाइनल में पहुंचा दिया, जहां उसका सामना मुंबई से होगा.
दिल्ली ने टॉस जीतने के बाद झारखंड को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया. लेकिन टीम 48.5 ओवर में 199 रन ही बना सकी. टीम की ओर से विराट सिंह ने 71 रनों की शानदार पारी खेली. उनके अलावा आनंद सिंह ने 36 और शाहबाज नदीम ने 29 रन का योगदान दिया. सैनी ने गेंदबाजी में भी कमाल दिखाया और दस ओवर में 30 रन देकर चार विकेट लिये. कुलवंत खेजरोलिया और प्रांशु विजयरन ने दो-दो विकेट हासिल किए.
झारखंड को दबाव की परिस्थितियों में महेंद्र सिंह धोनी की बड़ी कमी खली जिन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी के सेमीफाइनल में इनकार कर दिया था.
दिल्ली के सामने लक्ष्य छोटा था लेकिन शुरुआत अनुकूल नहीं रही. उन्मुक्त चंद ने शुरू में ही हाथ खोले लेकिन वह 13 गेंदों पर 17 रन बनाकर तीसरे ओवर में ही पवेलियन लौट गये. वरूण एरोन (39 रन देकर दो) ने उन्हें प्वाइंट पर कैच कराया.
इसके बाद आनंद सिंह (39 रन देकर तीन) ने दिल्ली के बल्लेबाजों को लंबी पारी नहीं खेलने दी. उन्होंने ध्रुव शोरे (15), कप्तान गौतम गंभीर (27) और हिम्मत सिंह (दो) को विकेटकीपर इशान किशन के हाथों कैच कराकर स्कोर चार विकेट पर 87 रन कर दिया.
नितीश राणा (39) और विजयरन (15) स्कोर को 123 रन तक ले गये लेकिन इसके बाद दिल्ली ने 26 रन के अंदर चार विकेट गंवा दिये जिसमें ये दोनों भी शामिल थे. शाहबाज नदीम (34 रन देकर दो) ने उसे ये झटके दिये.
नेगी ने यहीं पर अपनी जिम्मेदारी संभाली तथा अपनी पारी में पांच चौके और एक छक्का लगाया. सैनी ने उनके सहयोगी की भूमिका अच्छी तरह से निभायी तथा दूसरे छोर से विकेट नहीं गिरने दिया. सैनी को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन आफ द मैच चुना गया.