नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर किसान पिछले 2 महीने से आंदोलनरत हैं और अब यह लड़ाई दिल्ली के करीब तक आ गई है. किसान पिछले 4 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं और उनकी मांग जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की है. रविवार का दिन किसान आंदोलन की वजह से खासा व्यस्त रहा. किसानों ने प्रदर्शन के लिए बुराड़ी जाने से मना कर दिया तो देर रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर हाई लेवल बैठक हुई जो करीब 2 घंटे तक चली.
किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. रविवार का दिन किसान आंदोलन को लेकर काफी व्यस्त रहा. किसानों के आंदोलन को देखते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई गई जिसमें गृह मंत्री अमित शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हुए. यह बैठक करीब 2 घंटे चली.
Delhi: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar leaves BJP National President J P Nadda's residence after a meeting pic.twitter.com/T0jfFHnW5s
— ANI (@ANI) November 29, 2020
दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति मिलेः AAP
इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता राघव चड्ढा ने किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति दिए जाने की मांग की और कहा कि किसान जहां कहीं भी विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं, उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार किसानों से तुरंत बिना शर्त बात करे.
Wherever farmers want to protest in Delhi, they should be given permission. As per Delhi CM directives, AAP govt will play the role of Sewadar for protesting farmers. We'll arrange langar, water, electricity etc. for them. We will stand by the farmers: AAP leader Raghav Chadha pic.twitter.com/yXxXt6KMe6
— ANI (@ANI) November 29, 2020
तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में पीएम मोदी से आग्रह किया है कि वे किसानों की सुनें और कृषि कानूनों पर फिर से विचार करें.
Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot writes to PM Narendra Modi over recent farm laws and farmers' protest; says 'PM should reconsider the laws in the interest of farmers and protection of democratic values'. pic.twitter.com/txRs51EDBb
— ANI (@ANI) November 29, 2020
शाह 12 किमी की यात्रा क्यों नहीं करतेः कांग्रेस
कांग्रेस ने भी किसानों के आंदोलन पर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बीजेपी और अमित शाह पर हमला करते हुए कहा कि अमित शाह, आप रैलियों को संबोधित करने के लिए 1200 किलोमीटर दूर हैदराबाद की यात्रा कर सकते हैं तो आप किसानों के साथ बातचीत की पहल के लिए 12 किमी की यात्रा क्यों नहीं कर सकते.
बातचीत किए जाने की संभावना को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान बातचीत का माहौल बनाएं और हम चर्चा के लिए तैयार हैं. सरकार ने कभी भी बातचीत से इनकार नहीं किया है.
नए कृषि सुधारों से किसानों को मिले नए अधिकार: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप काफी विचार-विमर्श के बाद दिया जिनसे किसानों को ‘नए अधिकार और नए अवसर’ मिले हैं. भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं. बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं. किसानों की वर्षों से कुछ मांगें थीं और उन्हें पूरा करने के लिए हर राजनीतिक दल ने कभी न कभी वादा किया था, लेकिन वे कभी पूरी नहीं हुईं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘संसद ने काफी विचार-विमर्श के बाद कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया. इन सुधारों से ना सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार और अवसर भी मिले हैं.’
बुराड़ी आंदोलन की जगह नहींः किसान यूनियन
किसान यूनियन ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार की ओर से बुराड़ी में प्रदर्शन करने का प्रस्ताव हम नामंजूर करते हैं. हम बिना शर्त सरकार से बातचीत चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बुराड़ी ओपन जेल की तरह है और वो आंदोलन की जगह नहीं है. हमारे पास पर्याप्त राशन है और 4 महीने तक हम रोड पर बैठ सकते हैं.
भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि दिल्ली आने वाली पांच सड़कों को हम जाम कर देंगे. हम 5 प्वाइंट पर धरना देंगे.
किसानों ने गाजीपुर पर बैरिकेड तोड़ी
इससे पहले प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेड तोड़ दिए. ये किसान बैरिकेड क्रॉस करके दिल्ली की ओर आना चाह रहे थे. पुलिस ने इन्हें रोका तो वे उग्र हो गए. इस दौरान यहां किसानों और पुलिस के बीच जमकर बहस भी हुई.
इस बीच रविवार दोपहर हजारों की संख्या में पंजाब और हरियाणा से किसान सिंधु बॉर्डर पर पहुंचे और सड़क पर बैठ गए. प्रदर्शनकारी किसानों की भीड़ ने नरेला मोड़ सिंधु बॉर्डर चौक भी जाम कर दिया. किसान संगठनों की ओर से बड़ी संख्या में किसानों से दिल्ली पहुंचने की अपील की गई.
1 दिसंबर से राज्यों में प्रदर्शन
दिल्ली-हरियाणा की सीमा सिंधु बॉर्डर पर किसानों की बैठक हुई जिसमें प्रदर्शन तेज करने का आह्वान किया गया. किसानों ने कहा कि 1 दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन शुरू किया जाएगा. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का कहना है कि पंजाब और हरियाणा के किसान भारी संख्या में गोलबंद होकर पहुंच रहे हैं. साथ ही यूपी और उत्तराखंड के किसान भी दिल्ली आ रहे हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से प्रदर्शन के लिए बुराड़ी जाने का आह्वान किया था, लेकिन किसान संगठनों ने गृह मंत्री के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. किसानों का कहना है कि उनका प्रदर्शन सिंधु बॉर्डर पर ही जारी रहेगा. अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि किसान सिंधु बॉर्डर से हट जाएं और बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में चले जाएं.