नई दिल्ली। हमारे देश में कुछ ट्रैवल कंपनियों ने ‘वैक्सीन टूरिज्म’ शब्द को पॉपुलर बना दिया है. इसका मतलब होता है कि कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाने के लिए दूसरे देश जाना. WhatsApp मैसेज और ट्विटर पोस्ट के जरिए कुछ ट्रैवल एजेंसियां दावा कर रही है कि वो कस्टमर्स को ‘वैक्सीन टूरिज्म’ पैकेज की मदद से कोविड 19 की वैक्सीन के ‘इंतजार’ से बचा सकती हैं.
ऐसे मैसेज वायरल हो रहे हैं जिसमें कंपनियां 1.5 से 3.5 लाख रुपये में अमीरों को वैक्सीन टूरिज्म पर भेज रहे हैं. अमीर इसलिए क्योंकि गरीबों के बजट में तो ये पैकेज समाने से रहे. कई टूर ऑपरेटर कंपनियों ने ‘वैक्सीन टूर’ का जमकर एडवरटाइज़मेंट करना शुरू कर दिया है. इस पैकेज में मसलन मुंबई-न्यूयॉर्क या मुंबई-लंदन की फ्लाइटें, थ्री से फाइव स्टार होटल में कुछ दिन कुछ रातों तक रुकने की सुविधा. मुफ्त ब्रेकफास्ट और वैक्सीन की एक डोज़ शामिल है.
मगर इस बात पर कोई जानकारी नहीं है कि 3-4 दिन के टूर में ट्रेवल कंपनियां दूसरी डोज़ का क्या करेंगी. हालांकि जब ऐसी खबरें सुर्खियां बनने लगीं तो कंपनियों ने कहना शुरु कर दिया कि उन्होंने अभी बुकिंग तो नहीं खोली है. मगर इस स्कीम के बारे में पूछने वालों की बाढ़ अभी से आ चुकी है. भारत सरकार की तरफ से फिलहाल ऐसे किसी टूर को परमीशन नहीं दी गई है. बावजूद इसके ‘वैक्सीन टूरिज्म’ का प्रचार और बुकिंग की प्रक्रिया धड़ल्ले से जारी है.
हालांकि कंपनियों के पास इसका जवाब नहीं है कि उनके इस ‘वैक्सीन टूरिज्म’ को मंजूरी कब तक मिलेगी. भारत में जो कंपनियां वैक्सीन टूर ले जाने का दावा कर रही हैं उनमें जेम टूर एंड ट्रेवल प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई और जेनिथ हॉलिडेज़, कोलकाता के नाम सामने आए हैं. हालांकि इडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स का कहना है कि लोग ऐसे किसी वैक्सीन टूरिज्म का शिकार न बनें, क्योंकि कोई भी मान्यता-प्राप्त ऑपरेटर बिना इजाज़त के इस तरह के पैकेज जारी नहीं करेगा. ये सब स्कीम फूलप्रूफ नहीं हैं. जो कंपनियां ऐसे दावे कर रही हैं वो एसोसिएशन का हिस्सा नहीं है.
भारत सरकार ने इन ‘वैक्सीन टूर’ को मान्यता नहीं दी है और इस बारे में कोई आधिकारिक बयान भी नहीं आया है, क्योंकि इन टूर की प्रामाणिकता पर सवाल है. इसलिए मेडिकल वीजा की जरूरत पर भी कोई स्पष्टीकरण नहीं है. ब्रिटेन ने ऐलान किया है कि पहले प्राथमिकता समूहों को वैक्सीन दी जाएगी. मगर ये भी तय नहीं है कि प्राथमिकता समूहों में भी किसे पहले वैक्सीन मिलेगी. लिस्ट में टॉप पर होम रेजिडेंट और स्टाफ हैं और फिर 80 साल की उम्र से ज्यादा के लोग और बाकी स्वास्थ्य और सोशल केयर वर्कर्स हैं.
इसके बाद जब और डोज उपलब्ध होंगी तो 50 साल से ज्यादा उम्र वाले सभी लोगों का मास इम्युनाइजेशन होगा और साथ ही किसी मौजूदा स्वास्थ्य समस्या वाले जवान लोगों को भी वैक्सीन दी जाएगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही इंग्लैंड और अमेरिका में कई मिलियन डोज़ उपलब्ध होंगी. मगर उनका डिस्ट्रीब्यूशन कैसे होगा, ये फिलहाल साफ नहीं है. हालांकि दुनिया के ज़्यादातर देशों ने अभी वैक्सीन दिए जाने का ब्लूप्रिंट ही नहीं बनाया है. इसलिए ऐसी संभावना जताई जा रही है कि ऐसे देश अपने नागरिकों को वैक्सीन टूर पर जाने की इजाज़त दे सकते हैं. मगर फिलहाल किसी भी देश ने ऐसी पुष्टि नहीं की है.