नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 दिसंबर को वीडियो लिंक के माध्यम से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के साथ ऑनलाइन समारोह में भाग लेंगे। यह पहला मौका है, जब नरेंद्र मोदी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के किसी भी प्रोग्राम में शामिल हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए, AMU के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) समुदाय विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह (सौ साल पूरे) में भाग लेने को लेकर दी गई अपनी स्वीकृति के लिए आभारी है।
लेकिन AMU द्वारा पीएम मोदी को भेजे गए इस आमंत्रण से कुछ कट्टरपंथी, वामपंथी और लिबरल समाज के लोग बेहद आहत हैं। सोशल मीडिया पर इस खबर पर आ रही उदारवादियों की प्रतिक्रिया इस बात की गवाही दे रही हैं कि वह पीएम मोदी के AMU के समारोह का मुख्य अतिथि होने से बहुत निराश और हतोस्ताहित हैं। यही वजह है कि लिबरल्स अब एक-दूसरे को ही गाली देते नजर आ रहे हैं।
कॉन्ग्रेस समर्थक साकेत गोखले ने इस पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए लिखा, “CAA विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस द्वारा AMU छात्रों पर क्रूर हमले को एक साल हो गया है। और अब मोदी को एएमयू शताब्दी समारोह में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। कितना रीढ़हीन प्रशासन है।”
It’s been a year to the attack & brutal assault on AMU students by the police during the anti-CAA protests.
And now, Modi is invited as a guest of honor for the AMU centenary.
What an incredibly spineless administration! https://t.co/14cr5v9Xxp
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) December 16, 2020
शिरीन नाम के एक ट्विटर अकाउंट ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है, “एएमयू प्रशासन के लिए यह शर्मनाक बात है कि उस पीएम को आमंत्रित किया, जिसने एक साल पहले ही कैंपस के अंदर छात्रों पर सबसे ज्यादा अत्याचार किए।”
इस यूजर ने कुलपति को ही निशाना बनाते हुए लिखा कि एएमयू के इतिहास में यह सबसे बड़ा ‘स्पिनर’ कुलपति है जिसने इससे पहले पुलिस को कैंपस के अंदर जाने दिया था।
Shame on AMU administration to invite the PM who enabled the worst atrocities on students inside the campus just a year ago. The most spineless Vice Chancellor in the history of AMU. First he allowed the police inside the campus now this. https://t.co/Kz0QLnDkU2
— Shireen (@continuous_path) December 16, 2020
सैयद जमाल ने लिखा है, “अपने ही दोगले निकले। तुम्हें शर्म आनी चाहिए एएमयू प्रशासन।”
Apne hi dogle hote hain !
Shame on you AMU Administration. https://t.co/Rt0g3MVD7D— SAIYED JAMAL (@DrSAIYEDJAMAL1) December 16, 2020
सादिक मंसूर ने AMU प्रशासन पर कटाक्ष करते हुए दो तस्वीरें शेयर की हैं। जिसमें एक ओर AMU द्वारा पीएम मोदी को दिए गए आमंत्रण की तस्वीर है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देखे जा सकते हैं। जबकि दूसरी ओर किसानों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों में पीएम मोदी की तस्वीर पर जूतों की तस्वीर लगाई गई है।
AMU. Farmers. pic.twitter.com/lfjhA55u7w
— Sadique Mansur صادق منصور 小萨 (@a_fearless_hero) December 16, 2020
आफरीन फातिमा, जो कि एक मुस्लिम और एक्टिविस्ट (ट्विटर पर मौजूद जानकारी के अनुसार) हैं, ने इस खबर पर अपना दुःख प्रकट करते हुए लिखा है, “एएमयू प्रशासन से मुझे घृणा होती है।
मुझे नहीं पता कि और क्या कहना है।”
AMU administration disgusts me.
I don’t know what else to say.— Afreen Fatima (@AfreenFatima136) December 16, 2020
उल्लेखनीय है कि एएमयू इस साल दिसंबर माह में अपने सौ साल पूरे कर रही है। गौरतलब है कि ‘सर’ सैयद अहमद खान ने मई 24, 1875 में सात विद्यार्थियों से मदरसा तुल उलूम के तौर पर इस यूनिवर्सिटी की बुनियाद रखी थी।