इस्लामाबाद। भारत और अरब देशों के बीच बढ़ती नजदीकी से पाकिस्तान खौफ में है. भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) का संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और सऊदी अरब में जिस तरह से भव्य स्वागत हुआ था, उसने इमरान खान (Imran Khan) की चिंता बढ़ा दी है. अब खान ने अपने विदेश मंत्री को UAE दौरे पर भेजा है, ताकि कमजोर हो रहे रिश्तों को मजबूत किया जा सके. जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के दौरे के तुरंत बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री की यात्रा दर्शाती है कि भारतीय प्रयासों से इमरान खान किस कदर डरे हुए हैं.
द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर
पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) दो दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को दुबई पहुंचे. यूएई के उपराष्ट्रपति और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम से मुकालात में कुरैशी ने दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों पर जोर दिया. पाकिस्तान स्थित UAE के दूतावास ने इस संबंध में ट्वीट करके बताया कि दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा हुई.
‘दोस्ती का प्रतीक होगा Pakistan Pavilion’
बैठक के बाद कुरैशी ने भी ट्वीट करके यह दर्शाया कि सबकुछ बहुत अच्छा रहा. उन्होंने लिखा, ‘हमने आपसी हित और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर बातचीत की. इसके अलावा, संयुक्त अरब अमीरात को पाकिस्तान में निवेश करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया’. कुरैशी ने यह भी कहा कि एक्सपो 2020 दुबई में पाकिस्तान पैवेलियन पाकिस्तान-यूएई की दोस्ती का प्रतीक होगा.
H.H. Sheikh Mohammed bin Rashid Al Maktoum, Vice President and Prime Minister of UAE and Ruler of Dubai, recives H.E Shah Mahmood Qureshi, Minister of Foreign Affairs of Pakistan, and holds bilateral talks on developing and strengthening relations between two friendly countries pic.twitter.com/zhcv5tgDCo
— UAE Embassy PK (@uaeembassyisb) December 17, 2020
UAE के बैन पर नहीं की बात
पाकिस्तान के विदेश मंत्री की UAE यात्रा ऐसे समय हुई है जब यूएई (UAE) ने राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत करने के बहाने से पाकिस्तान सहित 13 देशों के नागरिकों की यूएई में एंट्री पर रोक लगा दी है और वर्क वीजा भी जारी करना बंद कर दिया है. इसमें अफगानिस्तान, सीरिया, यमन जैसे युद्ध में उलझे हुए देश भी शामिल हैं. यूएई ने अस्थायी तौर पर ये रोक लगाई है, लेकिन माना जा रहा है कि इससे पाकिस्तान की एक बड़ी आबादी को मुश्किलें झेलनी पड़ेंगी. क्योंकि पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग यूएई रोजी रोटी कमाने के लिए जाते रहे हैं और वो बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा भी पाकिस्तान भेजते हैं. हालांकि, पाकिस्तान को लगता है कि यूएई ने COVID19 की दूसरी लहर के कारण ये फैसला लिया है. कुरैशी शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम के साथ बैठक में ये मुद्दा उठाने का साहस नहीं जुटा सके.
जनरल नरवणे का हुआ था भव्य स्वागत
भारतीय सेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) ने अपने दौरे के दौरान संयुक्त अरब अमीरात के लैंड फोर्सेज एंड स्टाफ के कमांडर मेजर जनरल सालेह मोहम्मद सालेह अल अमीरी से मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों अधिकारियों के बीच आपसी हितों और रक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा भी हुई. जनरल नरवणे को संयुक्त अरब अमीरात के लैंड फोर्सेज के मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया गया था. इसे भारत और दोनों के बीच बढ़ती नजदीकी के तौर पर देखा जा रहा है. बता दें कि जनरल नरवणे भारत के पहले ऐसे सेना प्रमुख हैं, जिन्होंने सऊदी अरब (Saudi Arabia) और UAE का दौरा किया है.