लखनऊ। भारत में बर्ड फ्लू की समस्या लगातार सिर उठाते जा रही है और अब उत्तर प्रदेश ऐसा 7वाँ राज्य बन गया है, हाल के दिनों में जहाँ इसका असर देखा गया। कानपुर चिड़ियाघर को सील कर दिया गया है, क्योंकि यहाँ बर्ड फ्लू के वायरस मिले हैं। 4 पक्षियों की मौत के बाद उनकी जाँच की गई थी, जिसके बाद ये पता चला। चिड़ियाघर के आस-पास के इलाकों को रेड जोन घोषित कर दिया गया है। कमिश्नर राजशेखर ने इसका आदेश दिया है।
प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है और आस-पास के लोगों को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है। शनिवार (जनवरी 9, 2021) में यूपी में ये मामला सामने आया। एवियन इन्फ्लूएंजा के हरियाणा और दिल्ली में पाँव पसारने के बाद दिल्ली भी वीक जोन में आ गया है। देश की राजधानी में भी कौवों के मरने की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि गाजीपुर पॉल्ट्री फ़ार्म पर 10 दिनों के लिए ताला जड़ दिया गया है।
साथ ही जिंदा पक्षियों के आयात को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। दिल्ली के हर जिले में इस पर निगरानी रखने के लिए सर्विलांस टीमें भी गठित की गई हैं। पशु डॉक्टरों को सर्वे के लिए लगाया गया है। संजय झील, भलस्वा झील और पॉल्ट्री मार्केट में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। एक नंबर 23890318 भी जारी किया गया है, जहाँ इससे सम्बंधित सूचनाएँ दी जा सकती हैं। केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और गुजरात पहले से ही इस समस्या से जूझ रहा है।
हिमाचल प्रदेश के पोंग क्षेत्र में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, जहाँ हर वर्ष प्रवासी पक्षी आते हैं। 3500 प्रवासी पक्षियों को मार दिया गया है। राजस्थान में तो सवाई माधोपुर, पाली, दौसा और जैसलमेर सहित 11 जिले इसकी चपेट में आ गए हैं। उनमें बर्ड फ्लू का H-5 स्ट्रेन पाया गया है। हालाँकि, बर्ड फ्लू के अधिकतर स्ट्रेन मनुष्यों के लिए खतरनाक नहीं हैं लेकिन संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से उन्हें बीमारी हो सकती है।
शनिवार यानी 9 जनवरी को पूरे देश में 1200 पक्षी मृत पाए गए। इनमें से 900 तो अकेले महाराष्ट्र के एक पॉल्ट्री फार्म में मृत पाए गए। दिल्ली से सैम्पलों को टेस्टिंग के लिए जालंधर भेजा गया है। दिल्ली में मरे पाए गए बत्तखों के सैम्पल्स में बर्ड फ्लू मिलने की आशंका है, जिनके सैम्पल्स टेस्टिंग के लिए भेजे गए हैं। राजस्थान में अब तक 2500 से अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है। इनमें 257 कौवे और 29 कबूतर शामिल हैं। ये सब तब हो रहा है, जब देश अभी-अभी कोरोना संकट से बाहर निकल रहा है।
मध्य प्रदेश में भी 1100 कौवों की मौत हुई है और वहाँ के 11 जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है। मालवा जिले के एक पॉल्ट्री फार्म में केस मिलने के बाद उसे 7 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। नीमच और इंदौर के फार्म्स के लिए भी यही निर्णय लिया गया। इंदौर के एक आवासीय इलाके में दिसंबर 29, 2020 को ही 50 कौवे मृत मिले थे, जिनके सैम्पल्स के जाँच के बाद उनमें से 2 में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।
UP is 7th state hit by bird flu; culling begins in Haryana
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— The Times Of India (@timesofindia) January 10, 2021
बर्ड फ्लू अधिकतर पक्षियों में पाया जाता है लेकिन मनुष्य व अन्य जानवरों को बीमार करने की भी क्षमता इसमें है। इससे भारत के पॉल्ट्री इंडस्ट्री खतरे में पड़ गई है। इस वायरस का जन्म भी 1996 में चीन में ही हुआ था, जहाँ इसका पहला केस पाया गया था। चीन में 1997 में एक पॉल्ट्री कर्मचारी भी H5N1 की चपेट में आ गया था, जो इस तरह का पहला मामला था। इसके ह्यूमन टू ह्यूमन संक्रमण की अब तक कोई बात पता नहीं चली है।
ये वायरस जैसे ही 70 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान में जाता है, ख़त्म हो जाता है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के विपरीत भारत में अण्डों और पक्षियों के माँस को काफी अच्छे से आग पे पका कर ही बनाया जाता है, जिससे ऐसे वायरस 100 डिग्री सेल्सियस से अधिक के तापमान में मर जाते हैं। भारत में हर महीने ऐसे 30 करोड़ पक्षी और 900 करोड़ अंडे खाए जाते हैं। कोरोना के शुरुआत में इंडस्ट्री को 2 महीनों में ही 100 करोड़ डॉलर (7338 करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ था।