महाराष्ट्र के ठाणे में बाल-विवाह के मामले में आरोपित 81 वर्षीय मौलाना को अदालत ने गिरफ्तारी से राहत प्रदान की है। उसने एक नाबालिग का निकाह कराया था। स्पेशल POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम) जज केडी शिरभाते ने सोमवार (फ़रवरी 1, 2021) को उसे गिरफ़्तारी पूर्व एंटीसिपेटरी बेल दिया, जिस आदेश की कॉपी शनिवार को उपलब्ध हुई। पीड़िता ने जनवरी में ही शिकायत दर्ज कराई थी।
उस शिकायत में कहा गया था कि उसका निकाह एक व्यक्ति से ठीक कर दिया गया था और दोनों परिवारों ने निर्णय लिया था कि उसके 18 वर्ष के होते ही दोनों का निकाह करा दिया जाएगा। लेकिन, दिसंबर 2017 में उक्त व्यक्ति ने पीड़िता से जबरन शारीरिक सम्बन्ध बनाए। तब तक वो बालिग़ भी नहीं हुई थी। इसके बाद उसने धमकाया कि वो इसी तरह उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाती रहे, वरना अच्छा नहीं होगा।
जनवरी 5, 2019 को आखिरकार उसका निकाह उस व्यक्ति से करा दिया गया। लड़की तब भी बालिग़ नहीं हुई थी, जिससे ये बाल-विवाह की श्रेणी में आता है और भारत के कानून के हिसाब से ये अपराध है। शिकायतकर्ता ने अपनी अर्जी में आरोपितों की सूची में 81 वर्षीय मौलवी का नामा भी दिया था, जिसने निकाह की प्रक्रिया संपन्न कराई। पीड़िता ने ये भी खुलासा किया है कि निकाह के बाद वो 2 बार गर्भवती हुई।
Maharashtra: Cleric gets pre-arrest bail in child marriage case https://t.co/f9PNb3lKAG
— TOI Cities (@TOICitiesNews) February 7, 2021
आरोप है कि दोनों बार उसके शौहर ने उसका जबरन गर्भपात करा दिया। कोर्ट के आदेश में पीड़िता की उम्र की चर्चा नहीं की गई है। पीड़िता ने बताया है कि उसके निकाह के 3 महीने बाद ही उसका शौहर एक दूसरी महिला को घर में लेकर आया था। उसने दावा किया कि वो महिला उसकी पहली पत्नी है, जिससे उसने दिसंबर 24, 2018 को निकाह किया था। जबकि वो इससे 1 वर्ष पूर्व ही पीड़िता के साथ शारीरिक सम्बन्ध बना चुका था।
पीड़िता ने बताया कि उसके शौहर के साथ अक्सर उसका झगड़ा होता था और वो उसकी पिटाई भी करता था। उसने दिसंबर 10, 2020 को इन हरकतों से तंग आकर अपने शौहर का घर छोड़ दिया। फिर जनवरी 2021 में FIR दर्ज कराई। मौलवी ने अपने बचाव में कहा कि पीड़िता की उम्र दस्तावेजों में 18 वर्ष थी और उसने इस्लामी रीति-रिवाजों के हिसाब से सब किया। जज ने उसके रोल को सीमित’ मानते हुए जमानत दे दी।