कासगंज/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कासगंज में एक बार फिर पुलिस को बदमाशों ने अपना शिकार बनाया है. शराब माफियाओं ने बीते दिन कासगंज के नगला धीमर गांव में एक पुलिसकर्मी की पीट-पीटकर हत्या कर दी, साथ ही एक पुलिसकर्मी को घायल कर दिया. इससे पहले कानपुर के बिकरू में भी ऐसा ही हुआ था, जहां बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस पर ही हमला हो गया था.
अब भी पुलिस और PAC के द्वारा काली नदी के पास ही कटरी क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. ताकि मुख्य आरोपी और उसके साथियों को पकड़ा जाए.
आखिर क्या हुआ था बीते दिन?
हालांकि, अब कासगंज मामले में पुलिस ने एक आरोपी को ढेर कर दिया है. ऐसे में आखिर कासगंज में आखिर हुआ क्या था, जिससे इस तरह के हालात बने हैं. जानिए पूरा मामला…
दरअसल, कासगंज में दारोगा अशोक और एक सिपाही देवेंद्र मोटरसाइकिल से शराब माफिया मोतीराम के घर कुर्की का नोटिस चस्पा करने गए थे. जहां उन्हें आरोपियों, ग्रामीणों ने पकड़ लिया और उनकी बुरी तरह पिटाई कर डाली. सिपाही को इतना पीटा गया कि उसका सिर ही फट गया.
कुछ वक्त के बाद यह दोनों घटनास्थल से डेढ़ किलोमीटर दूर खेत में बंधक की हालत में मिले थे. इस दौरान दोनों पुलिसकर्मियों की वर्दी भी फाड़ दी गई थी. जिसमें सिपाही की हालत बेहद गंभीर थी, बाद में अस्पताल में मौत हो गई जबकि दारोगा को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था.
बुधवार सुबह एक आरोपी हो गया ढेर
इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय एसपी मनोज सोनकर ने बताया कि कल की घटना के बाद से ही कई पुलिस टीमें नामजद दो आरोपियों के साथ-साथ अज्ञात लोगों की तलाश में छापेमारी कर रही है, इसी दौरान बुधवार सुबह काली नदी के खादर में बदमाशों से मुठभेड़ हो गई.
जिसमें गोली लगने से मुख्य आरोपी मोती धीमर का भाई एलकार घायल हो गया था. हालांकि, उसके साथी भाग खड़े हुए. जब एलकार को अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. आरोपी का भाई एलकार जो कि पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुआ है, वो भी हत्या के मामले में वांछित था.
गौरतलब है कि इस मामले में यूपी सरकार की ओर से आरोपियों पर एनएसए लगाने का निर्देश दिया है. साथ ही मृतक पुलिसकर्मी के परिवारवालों को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है. साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी.