नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने यह संकेत दिया है कि ममता बनर्जी 2024 में पीएम उम्मीदवार हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि पूरा देश एक ऐसे नेता की तलाश में है, जिस पर वह भरोसा कर सके.
ब्रायन ने कहा कि देश अगले लोकसभा चुनाव तक एक नए नेता की तरफ उम्मीद से देखेगा. यह नेता पूर्वी भारत की एक महिला हो सकती है. क्या वे यह संकेत कर रहे हैं कि ममता बनर्जी देश की अगली प्रधानमंत्री होंगी? इस पर डेरेक ने कहा कि वे किसी का नाम नहीं लेते, ‘लेकिन पूरा देश ऐसे नेतृत्व की तलाश कर रहा है. यह पूर्वी भारत की एक महिला हो सकती है.’
विधानसभा चुनावों के बाद तस्वीर बदलेगी
ब्रायन ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में नेता कौन होगा, यह जनता तय करेगी, लेकिन अभी हमारा फोकस बंगाल पर है. लेकिन बंगाल, तमिलनाडु, केरल चुनाव के बाद इन राज्यों में कहीं बीजेपी नहीं होगी. इसके बाद निश्चित रूप से देश के राजनीति की तस्वीर बदलेगी.
ममता बनर्जी से मोदी का कोई मुकाबला नहीं!
ममता बनर्जी और पीएम मोदी की तुलना करने पर उन्होंने कहा कि ममता डिलीवर करती हैं, जबकि पीएम मोदी डिलीवर नहीं करते. उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी, अमित शाह की डिलीवरी कहां है? मोदी सरकार लोगों को शॉक के द्वारा धमकाने या प्रभावित करने की कोशिश करती है. चार घंटे के भीतर नोटबंदी करने, अचानक धारा 370 को खत्म करने का ऐलान जैसे निर्णय यह दिखाते हैं.’
उन्होंने कहा कि नोटबंदी को लेकर ममता बनर्जी का नजरिया बेहतर रहा. ममता बनर्जी ने नोटबंदी के ऐलान के दो घंटे के भीतर कहा कि इस डैक्रोनियन आदेश को वापस लिया जाए. इसी तरह साल 2013 कांग्रेस की सरकार में जब एक किसान बिल आया तो ममता बनर्जी ने कहा कि भले ही हमारी संख्या 6-7 हो डिवीजन के साथ इसका विरोध करो.
उन्होंने कहा, ‘ दूसरी तरफ पीएम मोदी ने क्या किया? पीएम मोदी ने कहा था कि मुझे सिर्फ 50 दिन दो. लेकिन उस 50 दिन के बाद क्या हुआ.’ उन्होंने कहा कि हमने जीएसटी पर पूरा सहयोग किया, लेकिन आपने बिना सहमति के निर्णय ले लिया कि जीएसटी लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘ ममता बनर्जी की एक गहरी विचारधारा है. एक समय उनके पास सिर्फ एक सांसद रह गए थे, लेकिन आज वहां से संख्या 26 तक पहुंच गई है.’
उन्होंने कहा कि टीएमसी की विचारधारा विकास की है. उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में कन्याश्री स्कीम से 69 लाख बालिकाओं को फायदा मिला है और इसकी यूएन ने भी तारीफ की है. दूसरी तरफ मोदी सरकार की बेटी बचाओ स्कीम का 70 फीसदी हिस्सा विज्ञापन पर खर्च होता है. मोदी सरकार किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने की बात करती है, लेकिन 2028 तक संभव नहीं. दूसरी तरफ, बंगाल में ममता सरकार ने किसानों की आय तीन गुना कर दी है. राज्य में 10 करोड़ लोगों को हेल्थ कार्ड दिया गया है.’