केरल के पलक्कड़ जिला सत्र अदालत के न्यायाधीश कलाम पाशा की पत्नी ने ट्रिपल तलाक देने के संबंध में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। कलाम पाशा की पत्नी ने यह भी आरोप लगाया है कि कलाम पाशा के भाई और सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बी कमाल पाशा ने उन्हें धमकी भी दी थी। महिला के अनुसार, कलाम पाशा ने उसे धमकी दी कि अगर उसने उसे तलाक देने से इंकार किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि कलाम पाशा ने मार्च 1, 2018 को उनके खिलाफ ट्रिपल तलाक जारी किया था। उन्होंने उसी दिन उन्हें इस संबंध में एक पत्र भी भेजा था। लेकिन बाद में, उन्होंने उसे एक और पत्र भेजते हुए कहा कि टाइपिंग की त्रुटि थी और मूल तिथि मार्च 1, 2017 थी। महिला ने आरोप लगाया कि यह कानूनी प्रक्रियाओं से बचने का एक प्रयास था, जिस कारण तीन तलाक के खिलाफ कानून को लागू करने से पहले की किसी तारीख का उल्लेख किया गया।
सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार, किसी न्यायाधीश के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए संबंधित मुख्य न्यायाधीश की अनुमति आवश्यक है। दो साल से पहले, उच्च न्यायालय के संज्ञान में मामला आने के बाद इस पर प्राथमिक जाँच की गई थी। जुलाई 30, 2019 को भारत की संसद ने तीन तलाक के खिलाफ कानून पास कर इसे दंडनीय अपराध बनाया था। इसे उसी साल एक अगस्त से लागू भी कर दिया गया।
उसने यह भी आरोप लगाया कि कलाम पाशा के भाई और सेवानिवृत्त न्यायाधीश कमाल पाशा ने उसे धमकी दी थी और उसे बताया था कि अगर उसने कलाम पाशा को तलाक देने से इंकार कर दिया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
उल्लेखनीय है कि मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत तीन बार ‘तलाक, तलाक, तलाक’ बोलना अपराध माना गया है। कानून बन जाने के बाद लिखित, मेल, एसएमएस, व्हाट्सऐप या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक चैट के माध्यम से तीन तलाक देना अब गैरकानूनी है। इस कानून के तहत दर्ज मामलों में अपराधी पाए जाने पर तीन साल तक सजा का प्रावधान है, साथ ही पीड़ित महिला और अपने और आश्रित बच्चों के लिए पति से मेन्टीनेंस (भरण-पोषण) लेने की भी हकदार है।