CBI के ‘टॉप’ बॉस क्यों हैं आमने-सामने, राकेश अस्थाना पर क्यों दर्ज हुआ मामला, जानें पूरा घटनाक्रम

नई दिल्ली। CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा (Alok Verma) और CBI के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) के बीच चल रही ‘नूराकुश्ती’ अब खुलकर सामने आ गई है. खुद CBI ने ही राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ एक FIR दायर कर दी है. इस FIR में अस्थाना पर मीट कारोबारी मोइन क़ुरैशी के मामले में जांच के घेरे में चल रहे एक कारोबारी सतीश सना से दो करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है. दूसरी तरफ, अस्थाना ने पलटवार करते हुए सीबीआई चीफ आलोक वर्मा पर ही रिश्वखोरी का आरोपी लगाया है. इस पूरे मामले में सीबीआई ने अपने चीफ का पक्ष लिया है और अस्थाना के आरोपों को झूठा करार दिया है.

कौन हैं राकेश अस्थाना : 
राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) 1984 बैच के गुजरात कैडर के IPS हैं. वह पहली बार साल 1996 में चर्चा में आए, जब उन्होंने चारा घोटाला मामले में लालू यादव को गिरफ्तार किया. दूसरी तरफ, 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आगजनी की जांच के लिए गठित SIT का नेतृत्व भी राकेश अस्थाना ने ही किया था. इसके अलावा वह अहमदाबाद ब्लास्ट और आसाराम केस जैसे तमाम चर्चित मामलों की जांच में शामिल रहे हैं. आपको बता दें कि राकेश अस्थाना को पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई का स्पेशल डायरेक्टर नियुक्त किया गया था. CBI में यह उनकी दूसरी पारी है. इससे पहले वह अतिरिक्त निदेशक के पद पर काम कर चुके हैं. वडोदरा और सूरत के पुलिस कमिश्नर रहे राकेश अस्थाना को पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का करीबी भी माना जाता है.

क्या है पूरा मामला :
CBI ने अपने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ एक FIR दर्ज कराई है. इस FIR में अस्थाना पर मीट कारोबारी मोइन क़ुरैशी के मामले में जांच के घेरे में चल रहे एक कारोबारी सतीश सना से दो करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है. सीबीआई में नंबर दो की हैसियत रखने वाले. राकेश अस्थाना इस जांच के लिए बनाई गई एसआईटी के प्रमुख हैं. कारोबारी सतीश सना का आरोप है कि सीबीआई जांच से बचने के लिए उन्होंने दिसंबर 2017 से अगले दस महीने तक क़रीब दो करोड़ रुपए रिश्वत ली.

क्या है राकेश अस्थाना का पक्ष : 
FIR दर्ज होने के बाद राकेश अस्थाना ने CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा (Alok Verma) पर पलटवार करते हुए उन पर ही रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है. अस्थाना ने सरकार को एक पत्र लिखकर गलत एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया है. अस्थाना का दावा है कि सतीश सना कि यह शिकायत सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के कुछ अधिकारियों की साजिश है. उन्होंने सीबीआई चीफ और सीवीसी अरुण शर्मा के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. अस्थाना ने बताया कि उन्होंने अगस्त में ही कैबिनेट सचिव को इन शीर्ष अधिकारियों के भ्रष्टाचार के 10 उदाहरण, आपराधिक कदाचार, संवेदनशील मामलों की जांच में हस्तक्षेप की जानकारी दी थी.

‘टॉप’ अधिकारियों की ‘जंग’ पर CBI ने क्या कहा : 

सीबीआई अपने निदेशक आलोक वर्मा (Alok Verma) के बचाव में उतर आई है और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के आरोपों को ‘मिथ्या और दुर्भावनापूर्ण’ करार दिया है. CBI ने यह भी कहा है कि उसके विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला कॉल रिकॉर्ड और वाट्सएप मैसेज पर आधारित है. सीबीआई के मुताबिक कथित रिश्वत मामले में बिचौलिए मनोज प्रसाद के पकड़े जाने के बाद उसने नौ फोन कॉल का विश्लेषण किया है.

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