फ्रांस में कुछ दिन पहले कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद का कार्टून कक्षा के छात्रों को दिखाने पर सैमुअल पैटी नाम के शिक्षक की बेरहमी से हत्या का मामला सामने आया था। अब खबर है कि ये पूरा हमला एक झूठ पर आधारित था, जिसे बच्ची ने अपने पिता के डर से बोला था।
7 मार्च 2021 को 13 साल की एक फ्रांसीसी लड़की ने इस बात को स्वीकार किया कि उसने अपने अब्बा के गुस्से से बचने के लिए अपने शिक्षक पर तोहमत लगाई थी जबकि हकीकत यह थी कि वह उस दिन क्लास में ही नहीं थी।
फ्रांसीसी अखबार Le Parisien में बताया गया कि लड़की ने न्यायाधीश के सामने घटना को लेकर कहा कि उसने अपने पिता से झूठ बोला था और वह उस दिन कक्षा में भी मौजूद नहीं थी, जहाँ पैटी ने पैगंबर मुहम्मद का चित्रण करते हुए छात्रों के सामने विवादास्पद कार्टून दिखाए।
दरअसल, बच्ची नहीं चाहती थी कि उसके घर में ये बात पता चले कि उसे क्लास में अनुपस्थित होने के कारण निलंबित कर दिया गया था। इसलिए उसने अपने टीचर को लेकर कहानी गढ़ी। लड़की ने अपने पिता को बताया कि पैटी ने मुस्लिम छात्रों को कक्षा छोड़ कर जाने को कहा क्योंकि वह एक पाठ पढ़ाते हुए शार्ली एब्दो न्यूजपेपर में छपे पैगंबर मोहम्मद के व्यंगात्मक चित्र को दिखा रहे थे।
अब यहाँ इस तथ्य को जानने के बाद यह स्पष्ट है कि 13 साल की एक बच्ची के झूठ के कारण उन घटनाओं ने जन्म लिया, जिससे पूरी घटना घटी व सैमुअल पैटी की निर्मम हत्या को अंजाम दिया गया।
पहले तो लड़की के पिता ने उसकी झूठी कहानी की सच्चाई जाने बिना सोशल मीडिया पर स्कूल व शिक्षक के विरुद्ध अभियान चलाया। फिर पैटी को टारगेट करते हुए उसे बर्खास्त करने की माँग की। जिसके बाद शिक्षक को मारने की धमकियाँ मिलने लगीं। नतीजतन केवल 10 दिन के भीतर एक अन्य कट्टरपंथी ने उन्हें मौत के घाट भी उतार दिया।
पड़ताल में बाद में पता चला कि लड़की के पिता, पैटी के हत्यारे अब्बुदलाख अंजोरोव के साथ संपर्क में थे। अभियोजन पक्ष का ये भी दावा है कि दोनों के बीच सीधा संपर्क था। हत्यारे ने पैटी को मारने से पूर्व लड़की के पिता को एक मैसेज किया था कि वह पैटी को किचन वाले चाकू से मारने वाला है।
बता दें कि साल 2020 में फ्रांस में घटी इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। हर ओर इस्लामी कट्टरपंथियों के विरुद्ध आवाज उठी थी। इसके बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने इस्लामी कट्टरपंथ पर अपना मत साफ किया था। अब इसी मामले में हत्यारे के अलावा दो अन्य किशोरों के विरुद्ध जाँच चल रही है।
बताया जा रहा है कि इस गवाही से पहले तक लड़की बार-बार अपनी झूठे बयान देने पर अड़ी थी, लेकिन उसके क्लासमेट कुछ और कह रहे थे। उन्होंने ही ये बात भी बताई थी कि जिस लड़की ने शिक्षक पैटी पर इल्जाम लगाए, वो वास्तविकता में कक्षा में ही मौजूद नहीं थी।
गौरतलब है कि पेरिस में अक्टूबर 16, 2020 को सैम्युल पैटी नामक शिक्षक की हत्या की गई थी। उनकी हत्या के बाद उस स्कूल को भी धमकी मिली थी, जहाँ वह पढ़ाया करते थे। इस्लामी कट्टरपंथियों ने स्कूल में लिखा था “तुम सभी मारे जाओगे। स.. सैमुअल पैटी.. अल्लाहु अकबर”।
राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने भी कहा था कि इस्लाम के नाम पर हिंसा और हत्याओं को बढ़ावा दिया जा रहा है और ऐसे लोग हैं, जो इस्लाम के नाम पर हिंसक अभियान चलाते हुए हत्याओं और नरसंहार को जायज ठहरा रहे हैं।