लंदन। बकिंघम पैलेस ने अमेरिकी ‘चैट-शो’ की प्रस्तोता ओपरा विन्फ्रे के साथ राजकुमार हैरी और मेगन मर्केल के साक्षात्कार पर मंगलवार को अंतत: अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि शाही परिवार नई जानकारी से दुखी है। ओपरा विन्फ्रे के साथ टीवी पर साक्षात्कार में मेगन ने कहा कि शाही परिवार के एक अनाम सदस्य ने उनके पति राजकुमार हैरी से उनके होने वाले बच्चे के रंग (गोरे-सांवले) को लेकर चिंता जताई थी। बकिंघम पैलेस के बयान में कहा गया है, ‘पूरा परिवार यह जानकर दुखी है कि हैरी और मेगन के लिए पिछले कुछ वर्ष कितने चुनौतीपूर्ण रहे हैं।’
बयान में कहा गया है, ‘जो मुद्दे उठाए गए हैं, खासतौर पर नस्लवाद संबंधी, वे चिंतित करने वाले हैं। कुछ स्मरणों में अंतर हो सकता है लेकिन उन्हें बहुत गंभीरता से लिया गया है और परिवार द्वारा उनका निजी तौर पर समाधान किया जाएगा। हैरी, मेगन और आर्ची हमेशा ही परिवार के बहुत प्रिय सदस्य रहेंगे।’ यह बयान ब्रिटेन में उस साक्षात्कार के टेलीविजन चैनल पर प्रसारित होने के एक दिन बाद आया है जिसमें मेगन ने कहा था कि नवविवाहित ‘डचेस ऑफ ससेक्स’ के रूप में उनके मन में आत्महत्या करने के ख्याल आए थे।
शाही परिवार को मिला मेगन के पिता का साथ
नस्लवाद के मुद्दे पर शाही परिवार के पक्ष में मेगन मर्केल के पिता उतर आए हैं। थॉमस मर्केल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि राज परिवार नस्लवादी है। उन्होंने यह भी कहा कि बेटे की त्वचा को लेकर परिवार की तरफ से किया गया सवाल पूरी तरह मूर्खतापूर्ण था।
अखबारों में छाया साक्षात्कार
ओप्रा विन्फ्रे को दिया साक्षात्कार मंगलवार को ब्रिटेन के सभी प्रमुख समाचार पत्रों में छाया रहा। डेली मिरर ने इस साक्षात्कार को पहले पृष्ठ की लीड खबर बनाया है। जबकि डेली मेल ने अपने प्रथम पेज पर ‘ये उन्होंने क्या किया’ नाम से पूरी खबर छापी है। सन के एक स्तंभकार ने सवालिया लहजे में पूछा है कि क्या इस साक्षात्कार को शाही परिवार का अंत माना जाए। ‘रॉयल अटैक’ नाम से द टाइम्स ने एक आर्टिकल छापा है। इसमें उसने लिखा है कि सदियों से राजशाही का अस्तित्व सिर्फ इसलिए बरकरार रहा, क्योंकि उसने समय के अनुरूप अपने को ढाला है। इसमें शाही परिवार को समय के अनुकूल चलने की सलाह भी दी गई है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी शाही परिवार के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया। जॉनसन ने कहा कि वह रानी के प्रशंसक हैं, लेकिन साक्षात्कार पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने भी कहा है कि देश के लोग संवैधानिक व्यवस्था में कोई खास बदलाव नहीं चाहते हैं। बता दें कि ब्रिटिश महारानी ब्रिटेन सहित 15 देशों की राष्ट्राध्यक्ष हैं। इसमें न्यूजीलैंड, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं।