बीजिंग। चीन के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले भारत एवं अन्य देशों के हजारों छात्रों को टीकाकरण समेत कोविड-19 के समस्त प्रोटोकाल का पालन करने के बाद अपने देशों से पढ़ाई के लिए लौटने के मामले में बीजिंग ने चुप्पी साध रखी है। मंगलवार को भी चीन ने इसकी कोई समयसीमा नहीं बताई। भारत तथा अन्य देशों के हजारों छात्र कोरोना वायरस महामारी के कारण लगे यात्रा प्रतिबंधों के चलते पिछले साल मार्च से चीन नहीं लौट सके हैं।
जनवरी में फेसबुक पर एक खुले पत्र में छात्रों ने चीन सरकार से यात्रा पाबंदी हटाने और उन्हें पढ़ाई के लिए लौटने की अनुमति देने की अपील की थी। छात्रों ने कहा है कि वे जरूरी जांच और क्वारंटाइन प्रक्रियाओं समेत कोविड-19 के सभी प्रोटोकाल का पालन करेंगे।चीन में 4.40 लाख से अधिक दूसरे देशों के छात्र अध्ययन करते हैं। इनमें करीब 25,000 भारतीय छात्र भी हैं। अधिकतर विद्यार्थी विभिन्न चीनी मेडिकल कालेजों में डाक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं।
कोविड-19 संबंधी पाबंदियों का जिक्र करते हुए चीन, छात्रों को लगातार आनलाइन कक्षाएं करने की सलाह दे रहा है। छात्रों का कहना है कि उनमें से अधिकतर विज्ञान विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं और उन्हें प्रयोगशालाओं में जाने की जरूरत है।