Covid से ठीक हुए मरीजों में अब Black Fungus का खतरा, महाराष्ट्र और गुजरात में सामने आए कई मामले

नई दिल्ली। देश फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से लड़ रहा है लेकिन अब एक नया खतरा सामने आ रहा है। यह खतरा है ब्लैक फंगस (Black Fungus) या म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) का। यह एक दुर्लभ लेकिन खतरनाक फंगस इन्फेक्शन है। गुजरात और महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के कई मरीज सामने आ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि यह फंगल इन्फेक्शन कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हुए मरीजों को फिर से बीमार कर रहा है।

गुजरात में ब्लैक फंगस (Black Fungus) से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। राज्य में इस इन्फेक्शन से पीड़ित मरीजों की संख्या 100 से अधिक हो चुकी है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार अकेले सूरत में ही ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस के कारण 8 मरीजों की आँखों की रोशनी चली गई। ये सभी मरीज हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हुए थे। गुजरात सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए सभी सिविल अस्पतालों में इस इन्फेक्शन से पीड़ित मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाने का आदेश दिया है।

महाराष्ट्र में भी ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। राज्य में इस इन्फेक्शन से पीड़ित 8 मरीजों की मौत हो गई है लगभग 200 मरीजों का इलाज चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महाराष्ट्र में 200 में से 8 मरीजों का इलाज किया जा चुका है। हालाँकि, विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस का इलाज संभव है लेकिन यदि इलाज में देरी की गई तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। इस इन्फेक्शन के कारण मरीजों की आँखों की रोशनी जा सकती है और सबसे बुरे केस में मौत भी हो सकती है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) इसके पीछे एक बड़ा कारण है।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पाल ने शुक्रवार को पीटीआई से चर्चा करते हुए कहा कि म्यूकरमाइकोसिस इन्फेक्शन म्यूकर नाम के फंगस के कारण होता है। यह फंगस नम सतह पर पाया जाता है। पाल ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को जो ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जाता है उसमें ह्यूमिडिफायर होता है जिसमें पानी की मात्रा होती है। इससे उत्पन्न नमी के कारण मरीज ब्लैक फंगस का शिकार हो सकता है। सरदर्द, बुखार, आँखों के नीचे दर्द और कम दिखाई देना इस इन्फेक्शन के प्रमुख लक्षण हैं जो कोरोना वायरस संक्रमण से स्वस्थ हुए मरीज में उभर सकते हैं।