योगेंद्र यादव को पता था कि ‘किसानों’ के टेंट में हुआ है गैंगरेप, AAP के दो नेता भी आरोपित: टिकरी बॉर्डर पर हुई थी घटना

नई दिल्ली। दिल्ली के टिकरी बॉर्डर स्थित ‘किसानों’ के प्रदर्शन स्थल पर बंगाल से आई युवती की कोरोना से मृत्यु के बाद मामले में नया मोड़ आया है। युवती के पिता का कहना है कि उन्हें उनकी बेटी ने खुद फोन पर कहा था कि उसका शारीरिक शोषण किया गया था।

गैंगरेप के इस मामले के आरोपितों में से दो आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता हैं। इतना ही नहीं, दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में दावा किया गया है योगेंद्र यादव को किसानों के टेंट में हुई इस घटना के बारे में पता था।

पिता की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 120बी, 342, 354,365, 376D और 506 के तहत 6 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। इनमें किसान नेता और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल हैं। कहा जा रहा है कि घटना की जानकारी योगेंद्र यादव तक को थी। लेकिन उन्होंने पीड़िता की मृत्यु के बाद भी इसे पुलिस से साझा नहीं किया।

30 अप्रैल को झज्जर के अस्पताल में युवती की मृत्यु के बाद उसके पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। अब पुलिस मामले में जाँच कर रही है। बहादुरगढ़ थाने के पुलिस अधिकारी विजय कुमार का कहना है,”युवती की मृत्यु कोरोना से हुई। उसका उपचार कोरोना मरीजों की तरह किया गया। हमने दस्तावेजों के लिए अप्लाई किया है। जैसे ही कुछ डॉक्यूमेंट हमें मिलते हैं हम तभी पुष्टि कर पाएँगे कि ये मौत कोरोना संबंधी थी।”

पीड़िता के पिता की शिकायत

मृतका के पिता ने अपनी शिकायत में 6 लोगों का नाम लिया। इनकी पहचान अनिल मलिक, अनूप सिंह छनौत, अंकुर सांगवान, कविता आर्या, जगदीश ब्रार और योगिता सुहाग के तौर पर हुई है। ये सारे लोग संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बंगाल गए थे। वहीं इनकी मुलाकात लड़की और उसके पिता से हुई थी। लड़की ने इनके सामने प्रदर्शन में शामिल होने की इच्छा जताई। इसके बाद वह उनके साथ 11 अप्रैल को हावड़ा से रवाना हो गई।


पीड़िता के पिता की शिकायत

शिकायत के अनुसार, युवती ने पिता को बताया कि अनिल और अनूप अच्छे लोग नहीं हैं। यात्रा के दौरान जब सब सो रहे थे तब उनमें से अनिल ने पास आकर उसे जबरन चूमा। उसने हड़बड़ी में उसे अपने से दूर होने को कहा और दोबारा हरकत न दोहराने की चेतावनी दी। मगर, इसके बाद अनिल और अनूप उसे ब्लैकमेल करने लगे, उस पर प्रेशर बनाने लगे।

पिता के मुताबिक, उनकी बेटी के साथ ट्रेन में भी जबरदस्ती हुई और बाद में प्रदर्शनस्थल पर भी उसे आरोपितों के साथ जबरदस्ती टेंट शेयर करने को कहा गया। युवती ने जब सारी आपबीती पिता को बताई तो उन्होंने उसे सलाह दी कि वह कुछ महिलाओं को विश्वास में लेकर अपनी बातें बताए।

16 अप्रैल को उसने योगिता और जगदीश को घटना के बारे में बताया, जिसके बाद उसका बयान वीडियो में कैद किया गया। पिता ने फोन कर ये वीडियो माँगी। 17 अप्रैल को बताया गया कि युवती को यूरीन के साथ खून आया है। इसके बाद 18 अप्रैल को उसे महिलाओं के साथ टेंट में शिफ्ट कर दिया गया। 21 अप्रैल को उसमें कोविड के लक्षण दिखने लगे और हल्का बुखार भी आया। 24 अप्रैल उसे साँस लेने में दिक्कत हुई और 26 अप्रैल उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

AAP से आरोपितों का लिंक

रिपोर्ट्स के अनुसार, मामले में आरोपित बनाया गया अनूप सिंह हिसार क्षेत्र में AAP का सक्रिय कार्यकर्ता है। वहीं अनिल मलिक दिल्ली में AAP का कार्यकर्ता है। आप विधायक सुशील कुमार का इस मामले में कहना है कि उन्हें इस घटना का कुछ नहीं पता लेकिन ये दोनों किसान प्रदर्शनस्थल पर सक्रिय थे। किसान सोशल बैनर आर्मी के बैनर तले ये साइट पर काम कर रहे थे। लेकिन जब से युवती की मृत्यु हुई, तभी से अनूप प्रदर्शनस्थल से फरार है।

योगेंद्र यादव को थी सारी जानकारी

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, युवती की मृत्यु के बाद उसके पिता द्वारा कराई गई एफआईआर में संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव का नाम भी सामने आया है। पिता का कहना है कि योगेंद्र यादव को इस बात की जानकारी थी कि किसान नेता युवती के साथ गलत कर रहे हैं। वह 24 अप्रैल से युवती के संपर्क में रहे, लेकिन उसकी मौत से पहले या बाद में पुलिस को पूरे घटनाक्रम की सूचना नहीं दी।


दैनिक भास्कर के रोहतक संस्करण में 10 मई 2021 को प्रकाशित संबंधित खबर

संयुक्त किसान मोर्चा का बयान

बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते युवती की 30 अप्रैल को मौत हो गई थी। इसके बाद किसान नेताओं ने सभी कोविड नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए उसे शहीद करार दिया और उसका शव खुली जीप में रखकर घुमाया। हालाँकि, बाद में युवती के साथ रेप वाला एंगल उजागर हुआ, जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने इस संबंध में बयान जारी किया।

बयान में कहा गया कि वह आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे। उन्होंने किसान सोशल आर्मी का टेंट भी कथित तौर पर प्रदर्शनस्थल से हटा दिया है। पंजाब किसान यूनियन के नेता ने कहा, “ये गंभीर चिंता का विषय है जिस पर बात होनी चाहिए। यहाँ प्रदर्शन पर पुरुष और महिलाओं में कोई अंतर नहीं है। महिलाएँ बड़े तादाद में भाग ले रही हैं। किसान मामले में पड़ताल कर रहे हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि दोबारा ऐसा न हो।”

मालूम हो कि यौन उत्पीड़न का पहला मामला किसान आंदोलन के बीच प्रदर्शनस्थल से नहीं आया है। इससे पहले मोहम्मद जुबेर, वरुण चौहान, अंतरप्रीत सिंह और मनीष कुमार का नाम भी यौन उत्पीड़न केस में उछला था। इन लोगों ने कथित तौर पर कई पीड़िताओं का शोषण किया था।