Twitter ने फिर माँगे 8 हफ्ते: दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को दी कार्रवाई की छूट, नए IT मंत्री ने कमान सँभालते ही चेताया

नई दिल्ली। देश के नए आईटी कानूनों के अंतर्गत शिकायत अधिकारी की नियुक्ति को लेकर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर अभी भी सिर्फ तारीखें ही दे रहा है। अब एक बार फिर ट्विटर ने दिल्ली हाईकोर्ट में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति के लिए 8 हफ्तों का समय माँगा है। वहीं नए आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर को चेतावनी देते हुए कहा है कि देश का कानून सबसे ऊपर है और हर किसी को इसे मानना ही पड़ेगा।

ट्विटर ने कोर्ट को बताया है कि उसके द्वारा 6 जुलाई 2021 को थर्ड पार्टी कॉन्ट्रैक्टर के जरिए एक अंतरिम मुख्य शिकायत अधिकारी की नियुक्ति की गई है और इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से भी चर्चा कर ली गई है। हालाँकि ट्विटर ने दिल्ली हाईकोर्ट से यह कहते हुए 8 हफ्तों का समय माँगा है कि मुख्य शिकायत अधिकारी के पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है और 8 हफ्तों के अंदर शिकायत अधिकारी की नियुक्ति कर ली जाएगी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सुनवाई को 28 जुलाई तक टालते हुए यह आदेशित किया कि अगर केंद्र सरकार को लगता है कि ट्विटर आईटी कानूनों के अनुपालन में असमर्थ है तो सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।

ट्विटर के लगातार समय माँगने के बीच आज ही में कार्यभार सँभालने वाले नए IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर को चेतावनी दी है। पत्रकारों से चर्चा करते हुए वैष्णव ने कहा कि देश का कानून सर्वोच्च है और जो भी इस देश में रहता है, काम करता है वह देश के कानून को मानने के लिए प्रतिबद्ध है। वैष्णव ने यह साफ कर दिया कि देश का कानून सबके लिए बराबर है और सभी को इसे मानना ही होगा।

हाल ही में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति न करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने भी ट्विटर को फटकार लगाई थी। जस्टिस रेखा पल्ली ने ट्विटर से पूछा था कि आपकी प्रक्रिया कितना समय लेती है? उन्होंने कहा था, “अगर ट्विटर को लगता है कि हमारे देश में वो जितना समय चाहे उतना समय ले सकता है, तो हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते।”

दिल्ली हाईकोर्ट के द्वारा ट्विटर को आज (8 जुलाई, 2021) तक का समय दिया गया था। उसे बताना था कि शिकायत अधिकारी के रूप में किसी भारतीय की नियुक्ति कब तक होगी। नए आईटी नियमों के अनुपालन की समयसीमा ख़त्म हो चुकी है, लेकिन कई हफ्ते बीतने के बावजूद ट्विटर इसे मानने में आनाकानी कर रहा है। हालाँकि भारत के नए आईटी कानूनों के अनुपालन में असफल रहने और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति न कर पाने के कारण ट्विटर अपना ‘इंटरमिडियरी’ स्टेटस पहले ही खो चुका है।