फँस गए संजय निरूपम या हुआ धोखा: खेल रत्न अवार्ड पर ‘ऐतिहासिक’ के बाद ‘ओछी हरकत’ से की अलटी-पलटी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलकर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर करने की घोषणा की। हालाँकि पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद पूरे देश में इसकी प्रशंसा की जा रही है लेकिन कॉन्ग्रेस नेता संजय निरूपम इस फैसले पर कुछ कंफ्यूज दिखाई दिए। एबीपी न्यूज से चर्चा करते हुए जहाँ उन्होंने इसे ऐतिहासिक घटना बताया, वहीं बाद में ट्वीट करके इस फैसले को गलत बताया है और कहा है कि यह ओछी हरकत है।

केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा शुक्रवार (6 अगस्त 2021) को खेल रत्न अवार्ड मेजर ध्यानचंद के नाम पर किए जाने के बाद चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। इसी क्रम में एबीपी न्यूज में भी चर्चा का आयोजन किया जा रहा था, जिसमें कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरूपम भी फोन लाइन के जरिए शामिल हुए। जब उनसे इस फैसले के बारे में राय ली गई तो उन्होंने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया।

संजय निरूपम ने हॉकी में मेजर ध्यानचंद के योगदान को लेकर कई बड़ी बाते कहीं और कहा कि उन्हें इस प्रकार का सम्मान देना ही चाहिए। इसके अलावा उन्होंने यह भी इच्छा जताई कि भले ही आज देश का सबसे बड़ा खेल क्रिकेट है लेकिन हॉकी को भी देश में सर्वोच्च सम्मान दिया जाना चाहिए।

निरूपम ने टोक्यो ओलंपिक में भारत की पुरुष एवं महिला हॉकी टीम के द्वारा किए गए प्रदर्शन की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि जबकि पुरुष टीम ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब रही और महिला टीम मेडल जीतने के करीब पहुँच गई थी, ऐसे में आवश्यक है कि देश में हॉकी पर और भी ध्यान दिया जाए, जिससे हॉकी में भारत और आगे बढ़ सके। हालाँकि जब उनसे स्टेडियम और ऐसे अन्य पुरस्कारों को खिलाडियों के नाम पर किए जाने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी। नीचे दिए गए वीडियो में 10:16 मिनट से संजय निरूपम को सुना जा सकता है।

हालाँकि थोड़ी ही देर के बाद संजय निरूपम ने ट्वीट करके कहा कि एबीपी न्यूज ने गलत जानकारी देकर उनसे फोनो लिया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “मुझे बताया गया कि मेजर ध्यान चंद को राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया है। मैंने कहा सराहनीय कदम है। बाद में पता चला कि राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल कर ध्यान चंद जी के नाम किया गया है। यह ओछी हरकत है। मेरा विरोध।”


ट्वीट डिलीट कर दिया जाता है इसलिए संजय निरूपम के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

उनके ट्वीट के बाद उनसे यह सवाल भी किया गया कि ओछी हरकत क्या है, एबीपी न्यूज द्वारा गलत जानकारी देना या मेजर ध्यानचंद जी के नाम पर पुरस्कार का नाम रखना?

ज्ञात हो कि खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद के नाम पर दिए जाने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, “मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखने के लिए देशभर से नागरिकों का अनुरोध मिले हैं। मैं उनके विचारों के लिए उनका धन्यवाद करता हूँ। उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा! जय हिंद!” इसके पहले खेल रत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गॉंधी के नाम पर था।