मध्य प्रदेश के उज्जैन के बड़नगर कॉन्ग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। न्यायालय ने आरोपित करण को 28 सितंबर तक कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने ये भी कहा कि यदि आरोपित दी गई समय सीमा में कोर्ट में पेश नहीं होता है तो उसकी संपत्ति कुर्क की जाएगी।
बता दें कि संपत्ति की कुर्की का नोटिस पुलिस ने विधायक के आरोपित बेटे के घर चस्पा कर दिया है। पुलिस ने आरोपित पर 5 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है। वहीं कोर्ट ने उसे फरार घोषित किया है। 5 महीने बाद तक पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई तो अब इंदौर पुलिस ने बड़नगर में उसके घर और प्रमुख स्थानों पर उसके पोस्टर चिपका दिए और लोगों से अपील की है कि जहाँ भी दिखे पुलिस को सूचना दें। बता दें कि करण मोरवाल पर कॉन्ग्रेस की ही एक महिला पदाधिकारी ने रेप का आरोप लगाया है।
कोर्ट ने दिया 28 सितंबर तक का वक्त
पहले कोर्ट ने 24 अगस्त तक करण मोरवाल को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था लेकिन करण मोरवाल कोर्ट में पेश नहीं हुए, जिसके बाद अब कोर्ट ने कहा है कि अगर 28 सितंबर तक करण मोरवाल कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी। इससे पहले 12 जुलाई को जिला कोर्ट ने करण मोरवाल की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी।
अग्रिम जमानत याचिका दायर करते हुए आरोपित के वकील ने जो साक्ष्य पेश किए थे, उनके मुताबिक घटना के वक्त वो किसी अस्पताल में भर्ती थे, लेकिन पीड़िता ने कॉल रिकॉर्डिंग्स, व्हाट्सएप चैटिंग जैसे साक्ष्य पेश किए थे, जिसके कारण कोर्ट ने आरोपित करण मोरवाल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
युवा कॉन्ग्रेस की पदाधिकारी हैं पीड़िता
बता दें कि अप्रैल के महीने में युवा कॉन्ग्रेस की ही महिला पदाधिकारी ने इंदौर के महिला थाने में करण मोरवाल के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई थी। युवती ने बताया था कि दिसबंर 2020 में वो करण मोरवाल के संपर्क में आई थीं। आरोप है कि करण मोरवाल ने उन्हें नशीला पदार्थ खिलाकर उनके साथ दुष्कर्म किया और शादी का झाँसा देकर बार-बार दुष्कर्म करता रहा।
इस मामले में युवती की शिकायत पर विधायक के बेटे के खिलाफ धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपित फरार है, वहीं दूसरी तरफ पीड़िता को तरह तरह से केस वापस लेने के लिए धमकाया भी जा रहा है। जिसकी शिकायत भी पीड़िता की ओर से पुलिस में की गई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों इस मामले में एक ऑडियो वायरल हुआ था। ऑडियो में पीड़िता से कोई शख्स मामले को सुलझाने की बात कर रहा था। रिपोर्ट के अनुसार कॉल करने वाला खुद को राहुल गाँधी के ऑफिस से जुड़ा बता रहा था। उसका दावा था कि वह इस मामले को सुलझाने के लिए दिल्ली से भेजा गया है। पीड़िता से यह भी कह रहा था कि कमलनाथ के हिसाब से दुनिया नहीं चलती।
रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता ने पूछा कि क्या उसे कमलनाथ (पूर्व मुख्यमंत्री व कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेता) ने भेजा है, जिस पर युवक कहता है कि कमलनाथ से ऊपर भी कई लोग हैं। उन्होंने ही उसको इंदौर में पूरा मामला सुलझाने को भेजा है, वरना उसका इंदौर में कोई काम नहीं था। युवक इस बातचीत में पीड़िता को राजनीति में आगे बढ़ाने का लालच देकर कहता है कि वह उसे आगे बढ़ा सकता है।