सोशल मीडिया पर महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है, वो भी धर्म के आधार पर। कई ऐसे कंटेंट्स सामने आए हैं, जिनसे पता चलता है कि हिन्दू महिलाओं की प्राइवेसी भंग कर के उन्हें बदनाम किया जा रहा है। मुस्लिम पुरुषों के साथ उनके नाम जोड़ कर उन्हें सरेआम ‘वेश्या’ कहा जा रहा है। धर्म के आधार पर महिलाओं की ऑनलाइन ‘बिक्री’ और उनके अश्लील कंटेंट्स बनाए जाने और मुस्लिम पुरुषों की ‘श्रेष्ठता’ साबित करने के लिए उनके इस्तेमाल के पीछे कौन लोग हैं, ये पता लगाना प्रशासन का काम है।
लेकिन, इस मामले में लोगों की चुप्पी ध्यान देने लायक है। आखिर अब हिन्दू महिलाएँ ‘वोट बैंक’ तो हैं नहीं, इसीलिए उनकी भावनाओं की कोई कदर नहीं है नेताओं के लिए। सोशल मीडिया पर कई एक्टिविस्ट्स ने इस तरह सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है और मोदी सरकार के मंत्रियों ने इसका संज्ञान भी किया है। क्या इसके पीछे इस्लामी कट्टरवादी हैं, जो हिन्दू महिलाओं का अश्लील चित्रण कर के और उनके चरित्र के हनन का प्रयास कर के अपनी ‘आतंरिक संतुष्टि’ प्राप्त करते हैं।
सबसे पहले एक फेसबुक पेज की बात करते हैं, जिसका नाम है ‘संस्कारी हिन्दू बीवी मुस्लिम मर्द की दीवानी’। साथ ही इसकी प्रोफ़ाइल तस्वीर में एक ऐसा चित्र लगाया गया है, जिसमें एक मुस्लिम महिला एक हिन्दू लड़की को पकड़े हुआ है। इसकी कवर पिक में एक पेंटिंग है। पेंटिंग में एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति को दिखाया गया है और उसके साथ उसकी टाई पकड़े हुए साड़ी में एक महिला है, स्पष्ट है जिसे हिन्दू दिखाया गया है। मुस्लिम बुजुर्ग की इस्लामी टोपी पर चाँद-तारा बना हुआ है।
एक और फेसबुक ग्रुप है, जिसका नाम ‘मुस्लिम मर्द औरत का प्यासा’, जिसमें 872 लोग जुड़े हुए हैं। इसकी मुख्य तस्वीर में एक महिला और एक पुरुष एक-दूसरे को किस कर रहे हैं। स्पष्ट है, पुरुष को मुस्लिम और महिला को हिन्दू के रूप में प्रदर्शित किया गया है। इसमें ‘हन्नी जान’ नाम के एक यूजर पूछ भी रहा होता है कि क्या कोई हिन्दू महिला ऑनलाइन है? क्या इस तरह के ग्रुप्स बना कर और उसमें हजारों लोगों को जोड़ कर हिन्दू महिलाओं को लेकर फैलाई जा रही अश्लीलता पर कोई आवाज़ उठाएगा?
इसी तरह के एक और इंस्टाग्राम पेज को देखिए, जिसका यूजरनेम है – ‘ज़ालिम मुस्लिम कसाई’ और इसका नाम ‘असलम खान’ लिखा हुआ है। इतना ही नहीं, 4239 लोग इसे फॉलो भी करते हैं। इसमें भी साड़ी में एक हिन्दू महिला के साथ एक मुस्लिम बुजुर्ग को चित्रित किया गया है। ऐसे पेजेज के जरिए ये बताने की कोशिश की जा रही है कि हिन्दू महिलाएँ ‘निचली श्रेणी’ में आती हैं और मुस्लिम पुरुष ‘श्रेष्ठ’ होते हैं, जो उनके साथ अंतरंग होते रहते हैं और ये आम बात है।
एक और इंस्टाग्राम पेज को देखिए, जिसे ‘बैड बॉय’ और ‘ज़ालिम बॉय’ के नाम से बनाया गया है। इसमें एक मुस्लिम व्यक्ति को बिना कपड़ों के एक हिन्दू महिला के साथ दिखाया गया है। कुल 23 तस्वीरें इससे अब तक जारी की जा चुकी हैं, जिनमें सारी की सारी अश्लील हैं। 1818 फॉलोवर्स भी हैं। कटे हुए फलों का अश्लील चित्रण कर के और हिन्दू महिलाओं की कई तस्वीरें पोस्ट कर के उन्हें बदनाम किया गया है। टीका या सिंदूर लगाई हुईं हिन्दू लड़कियाँ, साथ में इस्लामी टोपी लगाए मुस्लिम युवक – यही इस पेज का मुख्य लक्ष्य है दिखाना।
एक अन्य इंस्टाग्राम पेज पर हिन्दू देवी-देवताओं का भी अश्लील चित्रण है। इसका नाम ‘ज़ालिम मर्द’ है, जिसमें भगवान श्रीराम का चित्र भी बनाया गया है और उन्हें लेकर अश्लीलता फैलाई गई हैं। सोचिए, जब सैकड़ों वर्षों से एक खास मजहब के पैगम्बरों की आलोचना तो दूर, नाम भर ले लेने से ‘काफिरों’ का नरसंहार किया जाता है, हिन्दू देवी-देवता खुलेआम इस तरह दिखाए जाते हैं। ‘ॐ’ शब्द का अपमान भी इसमें किया गया है। क्या ये हिन्दू धर्म के प्रति घोर ‘बेअदबी’ नहीं?
आइए, आगे बढ़ते हैं। इसी तरह का एक और इंस्टाग्राम पेज है, जिसमें बिना कपड़ों के एक दाढ़ी वाले मुस्लिम व्यक्ति को साड़ी पहनी हुई हिन्दू महिला के साथ चित्रण किया गया है। पेज का नाम ‘ज़ालिम मुस्लिम लं$’ रखा गया है, जो बेहद ही अश्लील है। हालाँकि, ऐसा लगता है जैसे इस इंस्टाग्राम पेज के पोस्ट्स डिलीट भी किए गए हैं। इस पेज के 945 फॉलोवर्स हैं। खास बात ये है कि ऐसे पेज चलाने वाले आज से नहीं बल्कि कई दिनों से ऐसे ही सक्रिय हैं और इनके खिलाफ आवाज़ नहीं उठाई जाती है।
अब एक ‘ज़ालिम मर्द’ नाम के इंस्टाग्राम हैंडल को देखिए, जिसमें हिन्दू महिलाओं के लिए ‘रखैल’ और इससे भी घटिया शब्दावली का जिक्र किया गया है। प्राइवेसी के कारण हम इन तस्वीरों को हूबहू आपके सामने पेश भी नहीं कर सकते, क्योंकि ये सही नहीं होगा। लेकिन, इनके बारे में जानना आपके लिए ज़रूरी है, ताकि आप सावधान रहें। मुस्लिम पुरुषों के साथ एक से अधिक महिलाओं को आपत्तिजनक अवस्था में दिखा कर कट्टरवादी क्या प्राप्त करना चाहते हैं, ये सोचने लायक है।
एक इंस्टाग्राम हैंडल है ‘ज़ालिम अनवर पठान’ नाम का, जिसके 1152 फॉलोवर्स हैं और इससे 17 तस्वीरें पोस्ट की गई हैं। इसकी ताज़ा 5 तस्वीरों में इस्लामी टोपी पहने एक मुस्लिम पुरुषों को हिन्दू महिलाओं के साथ दिखाया गया है। एक तस्वीर में अरब के तीन शेखों के साथ एक हिन्दू महिला को दिखाया गया है। एक तरह से हिन्दू महिलाओं का इस्तेमाल कर के ‘पोर्न कंटेंट्स’ बनाए जा रहे हैं। अन्य तस्वीरों में हिन्दू महिलाओं को अश्लील अवस्था में दिखाया गया है।
एक और इंस्टाग्राम हैंडल को देखिए, जिसमें हिन्दू महिलाओं के साथ-साथ देवी माँ का भी अपमान किया गया है। इस पेज का नाम है ‘दुर्गा पंडित’ और इसमें एक हिन्दू महिला की तस्वीर डीपी के रूप में लगाया गया है। परिचय पश्चिम बंगाल की एक ‘बम’ के रूप में दिया गया है, जिसकी उम्र 26 वर्ष बताई गई है। इसमें हिन्दू अभिनेत्रियों/महिलाओं की तस्वीरें आपत्तिजनक और अश्लील बातें लिख कर पोस्ट की गई हैं। याद है आपको, जब ‘सेक्सी दुर्गा’ नाम की एक फिल्म के जरिए ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ का बहाना मारा जा रहा था? ये भी उसी क्रम का ही एक हिस्सा है।
एक पेज का तो नाम ही खुलेआम ‘हिन्दू रं%$याँ’ रख दिया गया है। इसके अलावा अंशुल सक्सेना ने भी सोशल मीडिया के जरिए केंद्र सरकार का ध्यान इस तरह आकृष्ट कराया है। हाँ, इतना ज़रूर निश्चित है कि इस पर मेनस्ट्रीम मीडिया रिपोर्टिंग नहीं करेगा और अंतरराष्ट्रीय मीडिया हिन्दू महिलाओं की इस प्रताड़ना पर एक लाइन की भी खबर नहीं बनाएगा। ‘http://www.interfaithxxx.com’ नाम की एक वेबसाइट के जरिए किस किस्म की बातें की जाती हैं, वो देखिए।
इसके एक लेख में लिखा है, “हिन्दू महिलाओं की इच्छाओं को संतुष्ट करने के लिए मुस्लिम मर्द बेहतर होते हैं, ऐसा एक महिला हिन्दू एक्टिविस्ट का कहना है। उनका कहना है कि मुस्लिम मर्द ज्यादा आनंद देते हैं। मुस्लिम मर्दों के फौलादी ___ के लिए हिन्दू लड़कियाँ पागलों की तरह प्यार करती हैं।” एक लेख का नाम है, “मेरी हिन्दू माँ का नया शौहर”। एक वीडियो डाल कर लिखा है, “मुस्लिम बॉयफ्रेंड के लिए लड़तीं हिन्दू लड़कियाँ”। एक अन्य लेख का शीर्षक है, “टिकटॉक बनाने वाले मुस्लिम हिन्दू लड़की की ‘Pu%&y’ का आनंद ले रहा है।”
2) In 2020, I started Mission Toothbrush on Instagram
117 accounts removed
Anti-India accounts: 25
Accounts with photos of girls: 7
Anti-Islamic accounts: 4
Anti-Hindu accounts: 81Read usernames of accounts who shared photos of girls.
All 7 accounts were targeting Hindu girls pic.twitter.com/l0ocYvcY5s
— Anshul Saxena (@AskAnshul) January 5, 2022
इसके अलावा अंशुल सक्सेना ने एक टेलीग्राम चैनल के बारे में भी बताया, जिसका नाम ‘हिन्दू रं%$याँ’ है। इसमें 219 लोग जुड़े हुए थे। मीरा मोहंती नाम की ट्विटर यूजर ने जब केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को टैग किया, तो उन्होंने इसका तुरंत संज्ञान लिया। केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि इस टेलीग्राम चैनल को ब्लॉक कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई के लिए भारत सरकार राज्यों के पुलिस-प्रशासन के साथ समन्वय बना कर काम कर रही है।
Channel blocked. Government of India coordinating with police authorities of states for action. https://t.co/kCB6Ys8TI2
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) January 5, 2022
अंशुल सक्सेना ने फेसबुक पर कई अन्य पेजेज के लिंक्स और उनके नाम शेयर कर के हिन्दू महिलाओं की प्रताड़ना को सामने रखा। इन पेजेज के नाम हैं, “संस्कारी हिन्दू बीवी मुस्लिम मर्द की दीवानी”, “मुस्लिम मर्द की दीवानी हिन्दू औरतें” और ‘मुस्लिम मर्द की दीवानी’। इस तरह के कई पेजेज हैं, जिनसे सैकड़ों से हजारों लोग तक जुड़े हुए हैं। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया है कि MeiTY टीम को फेसबुक की पैरेंट कंपनी ‘मेटा’ से बात कर के इन्हें हटाने का निर्देश दिया है।
Hv directed @GoI_MeitY team to inform @Meta n hv it taken down https://t.co/yxzcAtyqig
— Rajeev Chandrasekhar ?? (@Rajeev_GoI) January 5, 2022
इसके अलावा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ‘Amazon’ पर भी ऐसी कई पुस्तकें उपलब्ध हैं, जिनमें हिन्दू महिलाओं के साथ बलात्कार को बढ़ावा दिया गया है। मुस्लिम प्रेमी के साथ हिन्दू लड़की की कहानी जैसी बातें कर के ‘रेप फंतासी’ को आगे बढ़ाया जा रहा है। किंडल पर उपलब्ध इन पुस्तकों में से कुछ के कवर पेज पर इस्लामी टोपी में पुरुष और बिंदी लगाए महिला को दिखाया गया है। ‘पड़ोसी के साथ सेक्स करती भारतीय महिला’ जैसे शीर्षक के साथ कई पुस्तकें उपलब्ध हैं।
समाज को बचाने और महिलाओं के लिए हमें खुद आगे आना होगा और सोशल मीडिया के जरिए ऐसे कंटेंट्स की पोल खोलते हुए पुलिस-प्रशासन और सरकारों का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराना होगा, क्योंकि मुख्यधारा की मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अलावा तथाकथित एक्टिविस्ट्स इस मामले में कुछ नहीं बोलेंगे। धर्म के कारण महिलाओं को बदनाम कर के अश्लीलता फैलाना कुछ इस्लामी कट्टरपंथियों का पेशा बन गया लगता है। ऐसे कंटेंट्स को तुरंत रिपोर्ट करें और ब्लॉक करवाएँ।
अनुपम कुमार सिंह (सभार …………………….)