‘हमारे ऊपर कब बम गिर जाए, पता नहीं है’, यूक्रेन में फंसी भारतीय छात्रा ने बयां किया दर्द

यूक्रेन में फंसीं सुप्रिया और निशा

रूस के हमले से यूक्रेन पस्त है. एक के बाद एक यूक्रेन के तमाम बड़े शहरों और रक्षा ठिकानों को रूस ने निशाना बनाया. राजधानी कीव को चारों ओर से घेर लिया गया है. परमाणु प्लांट चेरनोबिल पर भी रूस का कब्जा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति के मुताबिक, 137 लोगों की जान चली गई. जबकि यूक्रेन के दावा है कि 50 रूसी सैनिक भी मारे गए.

NATO ने यूक्रेन को अकेला छोड़ दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि NATO सेना यूक्रेन में नहीं जाएगी. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कल रात 25 मिनट बात की. यूक्रेन में हजारों भारतीय स्टूडेंट्स फंसे हैं, जिन्हें वहां से वापस स्वदेश लाने की कवायद की जा रही है.

रूस के मिलिट्री एक्शन के बाद यूक्रेन के नागरिकों ने बंकर में शरण ली है. कई भारतीय छात्राएं अपनी वीडियो शेयर करके भारत सरकार से बाहर निकालने की अपील कर रही हैं. गुहार लगाने वालों में हरियाणा के फतेहाबाद की सुप्रिया और निशा भी हैं. यूक्रेन के हालत बयां करते हुए निशा और सुप्रिया ने कहा, ‘हमारे ऊपर कब बम गिर जाए, यह पता नहीं है.’

दोनों छात्राएं यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गई हैं. रूस के हमलों से हुई तबाही को निशा और सुप्रिया करीब से देख रही हैं. आजतक से बात करते हुए छात्राओं ने अपनी कहानी बयां की. भारत सरकार से दोनों छात्राओं ने अपील की है कि उन्हें और उनके जैसे सभी बच्चों को जल्द से जल्द यूक्रेन से निकाला जाए.

सुप्रिया ने कहा, ‘हम हरियाणा के फ़तेहाबाद से हैं और यहां यूक्रेन के उड़ेसा शहर में नैशनल मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हैं. युद्ध के कारण हम यहां फंसे हुए हैं और हालात खराब हैं. पहले हमारी ऑनलाइन क्लासेस यूनिवर्सिटी ने कन्फर्म नहीं की थी इसलिए हमे यहां रुकना पड़ा. अब यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन क्लासेस कन्फर्म करके बोल दिया है कि आप अपना देख लो.’

निशा ने कहा, ‘हम यहां फंसे हैं और इस शहर में करीब एक हजार भारतीय बच्चे हैं. भारत सरकार हमे सुरक्षित यहां से निकाले क्योंकि हमले के कारण हम यहां एक फ्लैट में बन्द हैं.’

यूक्रेन में फंसे हैं 16 हजार भारतीय

इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन में फंस गए भारतीय परेशान ना हों.. उनकी सुरक्षित देश वापसी की पूरी कोशिश की जा रही है. भारत सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता इस समय युद्ध के बीचो-बीच फंस गए अपने नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकालना है. सरकार के मुताबिक यूक्रेन में इस समय करीब 16 हजार भारतीय फंसे हैं.