अयोध्या/लखनऊ। अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए बुधवार का दिन बेहद खास रहा। मंदिर निर्माण अब दूसरे चरण में प्रवेश कर चुका है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच विधिवत तरीके से गर्भगृह की पहली शिला रखी। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 500 सालों से जिसका इतंजार था वह अब मूर्त रूप लेने जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की आस्था पर आक्रांताओं ने प्रहार किया था, लेकिन अंत में भारत और सत्य की जीत हुई है।
सीएम योगी ने कहा कि 500 सालों की संघर्षपूर्ण साधना थी, यह साकार और मूर्त रूप लेती दिख रही है। हर हिन्दुस्तानी के लिए इससे बढ़कर गौरव की अनुभूति का क्षण क्या हो सकता है। जिन आक्रांताओं ने हमारी आस्था पर प्रहार करते हुए भारत के सपनों को चकनाचूर करने की मानसिकता के साथ नापाक इरादों से भारत की आस्था पर प्रहार किया था, अंत में भारत की जीत हुई है। सत्यमेव जयते के इस नारे ने एक बार, धर्मो रक्षति रक्षितः, यतो धर्मस्ततो जयः के इस घोष ने एक बार फिर अपनी सार्थकता को साबित किया है।
सीएम योगी ने कहा, ”मंदिर निर्माण पूज्य संतों का संघर्ष श्रद्धेय, अशोक सिंघल जी जैसे संत, आरएसएस, और विचार परिवार से जुड़े हुए उन लाखों कार्यकर्ताओं का जो पुरुषार्थ था वह आज साकार रूप लेता दिख रहा है। सचमुच आज का दिन हम सबको अभिभूत करता है। नई प्रेरणा देता है कि हम सदैव धर्म, सत्य और न्याय के रास्ते पर बढ़ेंगे तो विजय होने से कोई नहीं रोक सकता है।”
‘भारत का होगा राष्ट्रमंदिर’
गर्भगृह के निर्माण का शुभारंभ करने के बाद सीएम योगी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अब मंदिर का निर्माण तेजी से होगा। उन्होंने कहा, ”सैकड़ों वर्षों की जो भारत की आस्था जिस पवित्र काम के लिए तरस रही थी, वह दिन बहुत दूर नहीं, जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का मंदिर अयोध्या में बनकर देश-दुनिया के सभी सनातन धर्मावलंबियों की आस्था का प्रतीक बनेगा ही। रामजन्मभूमि मंदिर भारत का राष्ट्र मंदिर होगा। भारत की आस्था को सम्मान देने के साथ भारत के एकात्मता का प्रतीक होगा।”
सीएम योगी ने आगे कहा, ”शिलापूजन के कार्यक्रम का सौभाग्य हम लोगों को मिला है इसके लिए मैं न्यास के सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हूं। निर्माण कार्य से जुड़ी संस्थाओं ने पौने दो साल में बहुत तेजी से काम किया है। पीएम मोदी जी के मार्गदर्शन में उनके करकमलों से जिस काम का शुभारंभ हुआ है वह तय समय से बढ़ेगा। अयोध्या में 500 सालों से हिंदू जनमानष की एक तड़पन थी वह बहुत शीघ्र मूर्त रूप लेता दिख रहा है।”