सीएम हाउस से निकले उद्धव ठाकरे, सामान भी निकाला गया; मातोश्री के आगे हजारों शिवसैनिक जुटे

दो दिन से सरकार बचा रहे उद्धव आखिरकार हथियार डालते नजर आ रहे हैं। एकनाथ शिंदे के सरकार और पार्टी दोनों पर दावे के बाद फेसबुक लाइव किया और कहा कि मैं लड़ने वाला शिवसैनिक हूं पर सामने आकर बातचीत का प्रपोजल भी रखा। इसके बाद एकनाथ शिंदे गठबंधन तोड़ने पर अड़े रहे।

इसके करीब एक घंटे बाद सबसे चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई। उद्धव का दफ्तर यानी सीएम हाउस खाली होने लगा। उद्धव भी निकल गए। इसके बाद कर्मचारी उनका सामान निकालने लगे और इस बीच मातोश्री के बाहर सैकड़ों शिवसैनिक जमा हो गए।

दरअसल, शरद पवार भी उद्धव को सलाह दे चुके थे कि मुख्यमंत्री पद पर शिंदे को ही बैठा दो। उधर, शिंदे आक्रामक ही रहे। बोले- गठबंधन बेमेल है और इसमें शिवसेना कमजोर हो रही है। गठबंधन से बाहर आना जरूरी है।

शिंदे खेमा तब और मजबूत हो गया, जब देर शाम करीब साढ़े आठ बजे 4 और विधायक गुवाहाटी पहुंच गए। इनमें 2 शिवसेना और 2 निर्दलीय शामिल हैं। ये विधायक हैं गुलाब राव पाटिल, योगेश कदम, मंजुला गाबित और चंद्रकांत पाटिल। 4 नए विधायक पहुंचने के बाद कुल विधायकों की संख्या अब 39 पहुंच गई है।

5 बड़े अपडेट्स…

1. शरद पवार सुप्रिया सुले के साथ उद्धव ठाकरे से मिलने सीएम हाउस वर्षा पहुंचे। एक घंटे तक मीटिंग चली।

2. शिवसेना विधायक महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के साथ गुवाहाटी के लिए निकले।

3. अब से कुछ देर में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे फेसबुक के माध्यम से लोगों को संबोधित करेंगे।

4. नितिन देशमुख सूरत से नागपुर पहुंचे। पुलिस और अस्पताल कर्मियों पर जोर-जबरदस्ती का आरोप लगाया।

5. NCP ने कल विधायक दल की बैठक बुलाई है। शरद पवार और सुप्रिया सुले इस मीटिंग में शामिल हो सकती हैं।

गुवाहाटी में क्या हो रहा है- होटल के बाहर कड़ी सुरक्षा, हर किसी पर निगाह

सूरत में ठहरे सभी विधायकों को बुधवार सुबह गुवाहाटी एयरलिफ्ट कराया गया था।
सूरत में ठहरे सभी विधायकों को बुधवार सुबह गुवाहाटी एयरलिफ्ट कराया गया था।

शिंदे बागी विधायकों के साथ सूरत से गुवाहाटी पहुंचे हैं। सारे विधायक होटल रेडिसन ब्लू में ठहरे हैं। होटल के बाहर और अंदर असम पुलिस का पहरा है। CRPF के जवान भी होटल के बाहर मौजूद हैं। मीडिया को भी एक इंच यहां से वहां नहीं होने दिया जा रहा। हर आने-जाने वाले पर कड़ी निगाह रखी जा रही है।

महाराष्ट्र में क्या हो रहा- भाजपा वेट एंड वाच मोड में, कांग्रेस-एनसीपी में मीटिंग्स का दौर

महाराष्ट्र में विधायकों को एकजुट रखने के लिए कांग्रेस ने कमलनाथ और एनसीपी ने सुप्रीया सुले को जिम्मेदारी सौंपी है।
महाराष्ट्र में विधायकों को एकजुट रखने के लिए कांग्रेस ने कमलनाथ और एनसीपी ने सुप्रीया सुले को जिम्मेदारी सौंपी है।

भाजपा फिलहाल भाजपा वेट एंड वाच की स्थिति में है। मुंबई के अलग-अलग इलाकों में बीजेपी नेता मीटिंग कर रहे हैं। एनसीपी की मीटिंग वाईबी चव्हाण हॉल में हुई है। इसमें पार्टी के सभी विधायकों को शरद पवार से संबोधित किया है।

बालासाहब थोराट के बंगले पर कांग्रेस के विधायकों की बैठक हुई है। इसमें कमलनाथ ने सभी विधायकों को संबोधित किया है। शिवसेना ने सभी विधायकों के नाम एक पत्र जारी कर शाम पांच बजे तक सभी को मुंबई आने के लिए कहा है। अगर वे शाम की मीटिंग में शामिल नहीं होते हैं तो उनकी पार्टी की सदस्यता रद्द मानी जाएगी।

1. एकनाथ शिंदे बोले- हमारे पास 46 विधायक हैं और ये बढ़ेंगे। आगे की रणनीति हम सभी विधायकों के साथ मिलकर तय करेंगे। शिवसेना तोड़ने का कोई इरादा नहीं। हम किसी दूसरी पार्टी के संपर्क में नहीं हैं।

2. संजय राउत बोले- महाराष्ट्र में 2 या 3 दिनों में क्या होगा यह कोई नहीं जानता। भाजपा के समर्थन के बिना शिवसेना के विधायकों का अपहरण नहीं किया जा सकता था।

3. कमलनाथ बोले- कांग्रेस और राकांपा महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार को अपना समर्थन जारी रखेगी। मैंने शरद पवार जी से भी बातचीत की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे गठबंधन सरकार को अपना समर्थन जारी रखेंगे। इसके अलावा कोई इरादा नहीं है। मुझे भरोसा है कि शिवसेना के बागी शिवाजी महाराज के राज्य को चोट नहीं पहुंचाएंगे।

4. नितिन राउत बोले- कैबिनेट मीटिंग में उद्धव ठाकरे खुश थे। उनके चेहरे पर कोई टेंशन नहीं दिख रही थी। यह संकेत है कि महाराष्ट्र में सरकार खतरे में नहीं है।

जान लीजिए गठबंधन सरकार के अहम समीकरण और सत्ता का गणित

महाराष्ट्र में सोमवार को हुए विधान परिषद चुनाव में महाविकास अघाडी का बहुमत 151 तक गिर गया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान महाविकास आघाडी के पास 162 विधायक थे, जबकि उससे पहले ये संख्या 170 थी। यानी राज्यसभा चुनाव के बाद महाविकास अघाडी के 11 विधायक कम हुए हैं।

परिषद चुनाव से पहले और बाद में तुलना करके देखा जाए तो कुल 19 विधायक महाविकास आघाडी से दूर हुए। दूसरी तरफ अब भाजपा को 134 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरकार टिकने के लिए 144 का बहुमत जरूरी है। ऐसे में महाविकास अघाडी और भाजपा की संख्या में अंतर बहुत कम रह गया है।

फिर भी, शिवसेना में बगावत होती है तो दल-बदल कानून सबसे बड़ा चैलेंज होगा। बगावत के लिए एकनाथ शिंदे को इन विधायकों की सदस्यता भी कायम रखनी होगी। महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के पास कुल 56 विधायक है। कानून के हिसाब से शिंदे को 2/3 विधायक यानी 37 विधायक जुटाने होंगे। फिलहाल शिंदे के पास कुल 30 विधायक होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें शिवसेना के 15 विधायक हैं।