जम्मू। लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी को कश्मीर में बड़ा झटका लगा है. भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिये जाने के कुछ दिनों बाद लोकसभा सांसद थुपस्तान छवांग ने कहा है कि यह निर्णय लिये जाने का कारण ‘झूठे’ वादे और अविवेकपूर्ण फैसले हैं और उनकी ‘‘आध्यात्मिक जीवन’’ को आगे बढ़ाने की इच्छा नहीं है जैसा कि पेश किया गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित एक पत्र में लद्दाख के सांसद ने भाजपा छोड़ने संबंधी अपने निर्णय का खुलासा किया और आगामी संसदीय चुनावों के मद्देनजर लोकसभा से इस्तीफा दे दिया. छवांग का इस्तीफा अभी पार्टी और लोकसभा अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया है.
छवांग ने अपने पत्र में कहा कि उन्होंने पार्टी और लोकसभा से अपना इस्तीफा देने का फैसला किया है क्योंकि राजनीतिक लाभ लेने का उनका कोई इरादा नहीं है. हालांकि, अब वह अपने विचारों को आगे बढ़ाने के लिए बाध्य हैं. पिछले गुरुवार को जम्मू कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रवीन्द्र रैना ने कहा था कि 71 वर्षीय नेता ने अपने ‘‘आध्यात्मिक जीवन’’ को आगे बढ़ाने के लिए सदन और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि वह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रस्त है.
एक स्थानीय प्रतिनिधि के रूप में छवांग ने कहा कि उनकी स्थिति तेजी से नैतिक रूप से और राजनीतिक रूप से अस्थिर हो रही थी और पार्टी तथा इसके केन्द्रीय नेताओं ने पिछले लोकसभा चुनाव में किये उस वादे को पूरा करने में बहुत कम ध्यान दिया कि लद्दाख क्षेत्र को ‘छह महीनों’ के भीतर केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया जायेगा.
छवांग के पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रैना ने कहा कि लद्दाख के सांसद पिछले डेढ़ वर्षों से राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं थे. उन्होंने कहा कि लद्दाख के लिए केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा भाजपा के घोषणा पत्र में शामिल था और पार्टी स्तर पर कई बार इस पर चर्चा की गई थी.