नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन पूरा होने की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, सूबे की सियासत में हलचल भी उतनी ही तेज हो रही है. सज्जाद लोन की पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के गठजोड़ की अटकलों के बीच अब मामला कांग्रेस, पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पाले में पहुंच गया है. तीनों दलों के बीच कश्मीर में सरकार बनाने पर बातचीत चल रही है. हालांकि, बीजेपी ने इस कोशिश को पाकिस्तान प्रायोजित करार दिया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को बताया कि एक सुझाव के तौर पर इस दिशा में बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा, ‘पार्टियों (पीडीपी, एनसी, कांग्रेस) का ये कहना था कि क्यों न हम इकट्ठा हो जाएं और सरकार बनाएं. अभी सरकार बनाने वाली स्टेज नहीं है, एक सुझाव के तौर पर बातचीत चल रही है.’
दिल्ली पहुंचेंगे कश्मीर के नेता
कांग्रेस की प्रभारी महासचिव अम्बिका सोनी ने कश्मीर में प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता के नेतृत्व में एक पैनल का गठन किया है. ये पैनल ही उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से बात कर रहा है. 23 नवंबर को अम्बिका ने दिल्ली में जम्मू कश्मीर के 50 नेताओं को बैठक के लिए बुलाया है. ये बैठक पंजाब भवन में होगी, जहां नॉन बीजेपी डेमोक्रेटिक अलायंस बनाने पर विचार होगा.
बीजेपी नेता ने बताया पाक प्रायोजित
जम्मू कश्मीर के बीजेपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता पीडीपी, एनसी और कांग्रेस के गठबंधन पर गंभीर इल्जाम लगाया है. गुप्ता का आरोप है कि बीजेपी को सरकार बनाने से दूर रखने के लिए दुबई में साजिश रची गई है, जो पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित है. उन्होंने कहा कि अगर राज्य में इन तीनों दलों के गठबंधन की सरकार बनती है तो यह जनता के साथ विश्वासघात होगा.
क्या हैं विधानसभा के समीकरण
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 89 सीटे हैं, जिनमें से दो सदस्य मनोनीत किए जाते हैं. ऐसी स्थिति में सरकार बनाने के लिए 44 विधायकों की जरूरत होती है. मौजूदा स्थिति में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पास 28, बीजेपी के 25 और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 15 और कांग्रेस के पास 12 सीटे हैं. यानी अगर पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस एक साथ आते हैं तो आंकड़ा 55 तक पहुंच रहा है और आसानी से सरकार का गठन किया जा सकता है.