दुबई, एशिया कप, भारत, पाकिस्तान..! ये चार शब्द आपको क्या याद दिलाते हैं? रविवार रात पाकिस्तान पर भारत की 5 विकेट की जीत और हार्दिक का धमाकेदार प्रदर्शन। अब आपको 4 साल पीछे ले चलते हैं। सितंबर का महीना था और साल था 2018। इसी मैदान से पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप के ही मुकाबले में हार्दिक कराहते हुए स्ट्रेचर पर लेटकर मैदान के बाहर ले जा गए थे। उस दौरान चर्चा आम थी कि हार्दिक का करियर अब शायद ही पहले की तरह हो सकेगा। इंडिया से लेकर लंदन तक ऑपरेशन का दौर। किसी जमाने में आज का कपिलदेव कहे जाने वाले खिलाड़ी का भविष्य अब अंधकारमय नजर आ रहा था।
पाक के खिलाफ 194 की स्ट्राइक रेट से हार्दिक ने बनाए रन
कुछ होते हैं जो मुश्किल हालात में टूटकर बिखर जाते हैं और कुछ संघर्ष में निखर जाते हैं। हार्दिक ने मानो कसम खा रखी थी कि जिस मैदान पर सब खत्म हो सकता था, उसी मैदान पर वापस पुराना गौरव हासिल करना है। टीम इंडिया को वनडे और टी-20 क्रिकेट में एक ऐसा सितारा मिला है, जो अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों से किसी मैच की दशा और दिशा बदल सकता है। रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ मैच में ऐसा ही देखने को मिला।
हार्दिक पंड्या ने पहले अपनी धारदार गेंदबाजी से 4 ओवर के कोटे में सिर्फ 25 रन दिए और 3 पाकिस्तानी बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। मोहम्मद रिजवान, इफ्तिखार अहमद और खुशदिल हार्दिक का शिकार बने। ये तीनों विकेट इस खिलाड़ी ने शॉर्ट गेंद से लिए। इफ्तिखार 22 गेंद में 28 रन बनाकर आउट हुए। वहीं, मोहम्मद रिजवान के बल्ले से 43 रन निकले और खुशदिल ने 2 रन बनाए। वहीं, जब बल्लेबाजी की बारी आई तो हार्दिक ने अपने बल्ले से भी धमाल मचाया। उन्होंने 17 गेंद में 33 रनों की धमाकेदार पारी खेलकर टीम इंडिया को जीत दिलाई।
पाकिस्तान के खिलाफ पूरा मुकाबला नहीं खेल सके थे हार्दिक
तारीख थी 19 सितंबर 2018 और आमने-सामने थे भारत-पाकिस्तान। एशिया कप का वह संस्करण वनडे फॉर्मेट में खेला जा रहा था। पाकिस्तानी पारी के 18वें ओवर में हार्दिक की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया और इस वजह से वह पैरों पर खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। तबतक हार्दिक ने 4.5 ओवर्स में 24 रन दिए थे और उनको कोई विकेट नहीं मिल सका था।
हार्दिक बन गए टीम इंडिया के लिए हर मर्ज की दवा
कहा जाता है कि हर मर्ज की एक ही दवा नहीं हो सकती, लेकिन पिछले वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टी-20 टीम में जितनी भी समस्याएं दिखीं, सबकी दवा फिलहाल एक ही साबित हो रही है। उसका नाम है हार्दिक पंड्या। वे भारतीय टीम में बॉलिंग डेप्थ की कमी को पूरा करते हैं। साथ ही मिडिल ऑर्डर में गहराई लाते हैं। अगर टीम का टॉप ऑर्डर फेल होता है तो भी हार्दिक अपने दम पर जीत दिलाने की क्षमता रखते हैं। डेथ ओवर्स में वे पावर हिटिंग भी कर सकते हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ इस साल टी-20 सीरीज जिताने में हार्दिक की सबसे अहम भूमिका रही। उन्होंने पहले टी-20 मैच में 33 गेंदों 51 रन की पारी भी खेली और चार विकेट भी लिए। उन्होंने अपनी 51 रन की पारी में 6 चौके और एक छक्का जड़ा था। पंड्या 2018 के बाद से पीठ की चोट से उबर नहीं सके थे। वे गेंदबाजी नहीं कर पा रहे थे। भारतीय टीम ने उन्हें पिछले साल यूएई में ही खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप तक मौका दिया फिर ड्रॉप कर दिया। वहीं जिस मुंबई इंडियंस को उन्होंने कई बार चैम्पियन बनाया उसने तो एक सीजन भी इंतजार नहीं किया। पंड्या को रिटेन नहीं किया गया।पंड्या इससे टूटे नहीं। कड़ी मेहनत की।
IPL 2022 में गुजरात को बनाया था चैंपियन
हार्दिक ने फिटनेस को दुरुस्त किया और ग्राउंड पर वापसी कर ली। वे जब से पीठ की चोट से उबर कर वापस लौटे हैं, तब से एक के बाद एक लगातार कमाल किए जा रहे हैं। पहले उन्होंने IPL-2022 में बतौर कप्तान नई-नवेली टीम गुजरात टाइटंस को चैम्पियन बनाया और फिर उसके बाद टीम इंडिया के लिए एक के बाद एक मैच विनिंग परफॉर्मेंस भी दिए जा रहे हैं। इस एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ दमदार प्रदर्शन के बाद टीम को उनसे काफी उम्मीदें हैं।
अब अगर कोई एक टीम की कई मुसीबतों को हल कर दे तो आप उसे क्या कहेंगे? पहले टीम इंडिया की परेशानियों पर नजर डालिए, फिर खुद फैसला कीजिए।
- बॉलिंग में डेप्थ की अब कोई कमी नहीं है। आप तीन फ्रंट लाइन फास्ट बॉलर और दो स्पिनर के साथ उतरिए। हार्दिक छठे गेंदबाज की भूमिका बखूबी निभा रहे हैं। एशिया कप के पहले मुकाबले में हार्दिक ने इस रोल में कमाल का प्रदर्शन किया।
- मिडिल ऑर्डर में मजबूती आ गई है। हार्दिक के नंबर 5 पर आने से टॉप ऑर्डर भी निश्चिंत होकर खेल रहा है और लोअर मिडिल ऑर्डर भी। उनको यकीन है कि हम नहीं चले तो क्या हुआ..हार्दिक संभाल लेगा। वे लगातार संभाल भी रहे हैं। पाकिस्तान के खिलाफ सूर्या के बोल्ड होने के बाद हार्दिक टीम को जीत के दरवाजे तक ले गए। फिर धोनी की तरह छक्का जड़ कर मैच फिनिश किया।
- शुरुआती विकेट गिरने का टेंशन भी खत्म हो गया। हार्दिक अब विराट कोहली की तरह सॉलिड बैटिंग कर लेते हैं। अगर ओवर ज्यादा बीत जाएं तो धोनी की तरह पावर हिटिंग भी कर लेते हैं।
- डेथ ओवर्स के पावर हिटर हार्दिक हमेशा से रहे हैं। चोट से वापसी के बाद उनकी यह खूबी दोबारा पूरी तरह से टेस्ट नहीं हुई है, लेकिन जो काम वो पहले आसानी से कर लेते थे उम्मीद है आगे भी कर लेंगे।
- यह डिबेट भी समाप्त हो गया है कि अगले टी-20 वर्ल्ड कप में भारत का ऑलराउंडर कौन होगा। अगर कोई खिलाड़ी एक ही मैच में 194 की स्ट्राइक रेट से 33* रन बनाए और 3 विकेट भी चटकाए तो उससे बेहतर कौन हो सकता है।