नशे में थे CM भगवंत मान, जर्मनी में फ्लाइट से उतारा गया…चल भी नहीं पा रहे थे

शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब के सीएम भगवंत मान को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है. सुखबीर बादल ने दावा किया है कि पंजाब के सीएम भगवंत मान को लुफ्थांसा एयरलाइंस से उतार दिया गया था. सुखबीर के मुताबिक, एयरलाइंस ने ये कदम इसलिए उठाया क्यों कि सीएम मान ने इतनी शराब पी रखी थी कि वे खड़े भी नहीं हो पा रहे थे. बादल ने ये दावा मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से किया. उधर, आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को प्लेन से उतारे जाने की खबरों को निराधार बताया है.

सुखबीर बादल ने आगे लिखा, चौंकाने वाली बात ये है कि पंजाब की सरकार मुख्यमंत्री को लेकर इस तरह की रिपोर्ट पर शांत है. इस मामले में अरविंद केजरीवाल को सफाई देनी चाहिए. भारत सरकार को कदम उठाना चाहिए क्योंकि इसमें पंजाबी और राष्ट्रीय गौरव शामिल है. यदि उन्हें विमान से उतारा गया था, तो भारत सरकार को अपने जर्मन समकक्ष के साथ इस मुद्दे को उठाना चाहिए. उधर, ब्रिकम सिंह मजीठिया ने भी इस मामले में भगवंत मान पर तंज कसा है.

विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इन रिपोर्टों पर जांच की मांग की है. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सीएम भगवंत मान को फ्रैंकफर्ट में उतारा गया था क्योंकि वह कथित तौर पर यात्रा करने की स्थिति में नहीं थे. उन्होंने इस मुद्दे को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने उठाने की मांग की है, ताकि इसका कारण सार्वजनिक हो सके.

बीजेपी सांसद ने कसा तंज

बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने ट्वीट कर कहा, भगवंत मान ने केजरीवाल से वादा इंडिया में शराब को हाथ नहीं लगाने का किया था ना कि विदेश में.

आप ने आरोपों को बताया निराधार

आप प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने इंडिया टुडे से बातचीत में इन आरोपों पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने तय शैड्यूल के मुताबिक दिल्ली लौट आए हैं, ये आरोप निराधार हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मान ने 18 सितंबर को जर्मनी से फ्लाइट ली थी. वे दिल्ली 19 सितंबर को लौटे. विपक्ष द्वारा लगाए जा आरोप निराधार और गलत प्रोपेगेंडा वाले हैं.

एयरलाइंस ने दिया ये जवाब

आज तक ने जब लुफ्थांसा एयरलाइंस से संपर्क किया, तो बताया गया कि फ्रैंकफर्ट से दिल्ली की उड़ान में इंबाउंड फ्लाइट और विमान परिवर्तन की वजह से देरी हुई. हालांकि, कंपनी ने डाटा प्रोटेक्शन का हवाला देते हुए कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया.