नई दिल्ली। पूरे चौबीस साल बाद कांग्रेस को गैर गांधी अध्यक्ष मिलने जा रहा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव लड़ेगे। इसके साथ उन्होंने राहुल गांधी को लेकर भी तस्वीर साफ कर दी। कांग्रेस में शनिवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है, जो 30 सितंबर तक जारी रहेगी।
गहलोत के मुताबिक, राहुल ने कहा है कि इस बार गांधी परिवार का कोई व्यक्ति अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेगा। ऐसे में साफ है कि नया अध्यक्ष गैर गांधी होगा। अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए शनिवार से नामांकन शुरू हो जाएंगे। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान केरल में अशोक गहलोत ने राहुल से मुलाकात की।
मुलाकात के दौरान राहुल को अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए मनाने की कोशिश की। पर राहुल अपने रुख पर अड़े रहे। गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि कई बार आग्रह करने के बावजूद राहुल गांधी ने साफ कहा कि हमने फैसला कर लिया है कि इस बार कोई गांधी परिवार का व्यक्ति उम्मीदवार नहीं बनेगा। इसलिए, यह तय है कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे।
तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर के कांग्रेस के अध्यक्ष के चुनाव लड़ने के बारे में सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी के अन्य मित्र भी चुनाव लड़ सकते हैं। किसी के चुनाव लड़ने पर उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। पर नतीजों के बाद हम सभी को ब्लॉक, गांव और जिला स्तर पर मजबूत बनाने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए और पार्टी की विचारधारा को आधार बनाकर आगे बढ़ना है। ताकि, पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनकर उभरे।
अब तक चार दावेदार
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए दावेदारों की संख्या बढती जा रही है। गांधी परिवार की तरफ से किसी सदस्य के चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताने के बाद कई नेता दावेदारी कर रहे हैं। इन नेताओं में गहलोत, थरूर, कमलनाथ के साथ मनीष तिवारी का नाम भी शामिल है। पहले इस दौड़ में पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का नाम भी सामने आ रहा था।
1998 से गांधी परिवार
1998 से कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी गांधी परिवार के पास है। वर्ष 1998 से 2017 तक लगातार 19 वर्षों तक सोनिया गांधी पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालती रहीं। वर्ष 2017 से 2019 तक राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष रहे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद एक बार फिर सोनिया गांधी पार्टी अध्यक्ष के तौर पर कांग्रेस की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
उम्मीदवारों पर टिप्पणी नहीं करने की नसीहत
कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर पार्टी नेताओं के बीच चल रही जोर-आजमाइश के बीच अपने प्रवक्ता और संचार विभाग के पदाधिकारियों को उम्मीदवारों पर किसी भी तरह की टिप्पणी न करने की नसीहत की है। पार्टी की यह नसीहत कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ की अध्यक्ष पद के चुनाव में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की हिमायत करने के बाद दी है। पार्टी महासचिव और संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने प्रवक्ताओं और संचार विभाग के पदाधिकारियों से कहा कि वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे किसी भी नेता के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से परहेज करें।
राजस्थान में सीएम पद को लेकर जोर आजमाइश तेज
गहलोत जल्द कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। यह लगभग तय है कि वह पार्टी के नए अध्यक्ष होंगे। ऐसे में राजस्थान के नए मुख्यमंत्री को लेकर जोर आजमाइश तेज हो गई है।‘एक व्यक्ति एक पद’ के फॉर्मूले पर राहुल की नसीहत के बाद यह माना जा रहा था कि गहलोत मुख्यमंत्री का पद छोड़ देंगे।
हालांकि, शिरडी में साईं बाबा के दर्शन के बाद उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि वह आजीवन प्रदेश के लोगों की सेवा करना चाहते हैं। यह कहने में गलत क्या है। इससे एक दिन पहले गुरुवार को कोच्चि में मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा था कि नए मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रदेश प्रभारी अजय माकन करेंगे।