विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 77वें सत्र को संबोधित करते हुए चीन और पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने चीन को संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकियों को ब्लैकलिस्ट न करने को लेकर भी कड़ा संदेश दिया. एस जयशंकर ने कहा कि जो लोग घोषित आतंकियों का बचाव कर राजनीति करते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा करते हैं.
विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर नाम लिए बगैर चीन को भी घेरा. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र आतंकियों को प्रतिबंधित करता है और आतंक के प्रायोजक देश उन्हें बचाने के लिए आगे आ जाते हैं. एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र से आतंक के प्रायोजक और उन्हें बचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की.
1267 रिजॉल्यूशन का राजनीतिकरण किया जा रहा
जयशंकर ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग कभी-कभी घोषित आतंकवादियों का बचाव करने की हद तक यूएनएससी 1267 रिजॉल्यूशन व्यवस्था का जो राजनीतिकरण करते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास करिये, ऐसा करके वे देश न तो अपने हितों को आगे बढ़ाते हैं और न ही वास्तव में अपनी प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाते हैं.
आतंक विरोधी समिति में शामिल होने के लिए बुलाया
जयशंकर ने कहा कि भारत बड़ी जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार है. भारत जी-20 की अध्यक्षता, आतंक से निपटने वाली कमेटी की अध्यक्षता करने जा रहा है. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को मुंबई और नई दिल्ली में आतंक विरोधी समिति में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया.
भारत-यूएस के प्रस्ताव में तीसरी बार बाधक बना था चीन
16 सितंबर को, चीन ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए अमेरिका की ओर से संयुक्त राष्ट्र में रखे गए प्रस्ताव को गिरा दिया था. साजिद मीर भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी है और 2008 के मुंबई हमलों में शामिल था. भारत ने भी इसे वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग की थी.
यह तीसरी बार है जब चीन ने भारत-अमेरिका के किसी प्रस्ताव पर रोक लगाई हो. इससे पहले चीन ने लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा (जेयूडी) के नेता अब्दुल रहमान मक्की और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के चीफ मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को ब्लैकलिस्ट करने से इनकार कर दिया था. मसूद अजहर को बीजिंग ने संरक्षण दिया था.
अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी कमांडर और लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का बहनोई है. संयुक्त राष्ट्र समिति ने लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा जमात-उद-दावा को भी आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है. साजिद मीर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का शीर्ष कमांडर है और लश्कर-ए-तैयबा के इंडिया सेटअप का प्रभारी है.
यूक्रेन संघर्ष में भारत सिर्फ बातचीत का पक्षधर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष को लेकर भारत का पक्ष हमेशा ईमानदार रहा है. भारत शांति का पक्षधर है और हमेशा इसका पैरोकार रहेगा. हम उस पक्ष में हैं जो बातचीत और कूटनीति को एकमात्र रास्ता बताता है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष का जल्द समाधान खोजने के लिए संयुक्त राष्ट्र के भीतर और बाहर दोनों जगह काम करना ही हमारे हित में है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यूक्रेन संघर्ष ने अनाज और ऊर्जा पर आर्थिक दबाव को और बढ़ा दिया है.