नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उन्होंने वरिष्ठ नेताओं द्वारा मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन करने को लेकर कहा कि कांग्रेस नेतृत्व से पूछना चाहिए कि ऐसा क्यों दिखाया जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे आधिकारिक उम्मीदवार हैं.
सोनिया गांधी ने मुझे आश्वासन दिया था- थरूर
शशि थरूर ने कहा कि सोनिया गांधी ने मुझे आश्वासन दिया था कि पार्टी का कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं होगा. इस चुनाव में गांधी परिवार तटस्थ रहेगा. उन्होंने ज्यादा से ज्यादा उम्मीदावर होने का स्वागत किया था. इस वजह से मैं इस रेस में आगे आया. मेरा चुनाव लड़ना किसी का अनादर करना नहीं है; एक दोस्ताना मुकाबला है.
थरूर ने खड़गे को बताया भीष्म पितामह
थरूर ने कहा कि हम दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं. हम सहयोगी हैं और हम पार्टी को आगे बढ़ाने में रुचि रखते हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे हमारी पार्टी के ‘भीष्म पितामह’ हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं को तय करने दें कि कैसे आगे बढ़ना है. उन्होंने कहा कि मैं खड़गे या अन्य किसी उम्मीदवार के बारे में कुछ भी नकारात्मक नहीं कहूंगा. थरूर ने कहा कि कांग्रेस में अभी केंद्रीकृत निर्णय लेने का मॉडल है, इसे बदलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि जिला प्रमुख भी कांग्रेस हाईकमान की ओर से चुना जाता है. इसका निर्णय प्रदेश कमेटी की ओर से होना चाहिए, न कि कांग्रेस आलाकमान की ओर से.
तीन उम्मीदवारों में कांग्रेस अध्यक्ष का मुकाबला
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होना है. आज नामांकन के आखिरी दिन शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे ने पर्चा भरा. इन दोनों नेताओं के अलावा झारखंड के कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी ने भी शुक्रवार को पर्चा भरा. भले ही मल्लिकार्जुन खड़गे का पलड़ा भारी बताया जा रहा हो, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए तीन उम्मीदवार होने के चलते अब मुकाबला त्रिकोणीय जरूर हो गया है.