लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य मुलायम सिंह यादव इस दुनिया से विदा हो चुके हैं, 82 साल की उम्र में उन्होने दुनिया को अलविदा कहा है, मुलायम सिंह यादव 3 बार यूपी के सीएम रहे, देश के रक्षा मंत्री भी रहे, 8 बार विधायक और 7 बार सांसद रहे, हालांकि वो देश के प्रधानमंत्री नहीं बन पाये, दो बार ऐसा मौका आया, जब वो पीएम बनते बनते रह गये, खास बात ये है कि वो लालू प्रसाद यादव और शऱद यादव जैसे कुछ नेताओं के विरोध की वजह से इस पद तक नहीं पहुंच सके।
मुलायम सिंह यादव 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गये थे, तब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली, बीजेपी को तब 161 सीटें मिली थी, लेकिन बहुमत से दूर होने की वजह से 13 दिन बाद ही वाजपेयी जी को पद से इस्तीफा देना पड़ा, जिसके बाद सवाल खड़ा हुआ कि अब नई सरकार कौन बनाएगा, कांग्रेस के पास 141 सांसद थे, लेकिन कांग्रेस गठबंधन सरकार के पक्ष में नहीं थी। इसके बाद मिली-जुली सरकार बनाने के लिये विपक्ष आगे आया, पहले वीपी सिंह, बंगाल के तत्कालीन सीएम ज्योति बसु का नाम आगे आया, लेकिन वीपी सिंह ने प्रधानमंत्री बनने से इनकार कर दिया, ज्योति बसु के नाम पर भी सभी एकजुट नहीं हुए, इसके बाद लालू और मुलायम का नाम आगे आया, लेकिन लालू का नाम चारा घोटाले में था इस वजह से उन्हें पीछे हटना पड़ा। फिर मुलायम सिंह रेस में आगे थे, उनका प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा था, यहां तक कि उनके आवास पर समर्थकों की भीड़ जुटने लगी, लेकिन लालू यादव और शरद यादव ने उनका विरोध किया, जिसके बाद मुलायम के नाम पर सहमति नहीं बनी, फिर एचडी देवेगौड़ा प्रधानमंत्री बने, मुलायम उस कैबिनेट में रक्षा मंत्री बने थे।
1999 में लोकसभा चुनाव हुए, मुलायम सिंह संभल और कन्नौज सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे, इस दौरान उनका नाम फिर प्रधानमंत्री पद पर आगे आया, लेकिन अन्य यादव नेताओं ने ही उनका समर्थन नहीं किया, जिसकी वजह से वो प्रधानमंत्री बनने से चूक गये, मुलायम दो बार पीएम बनने से चूके, उन्होने कई बार इसका जिक्र भी किया, उन्होने एक बार कहा था कि वो प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, चंद्रबाबू नायडू और वीपी सिंह की वजह से नहीं बन पाये।
मुलायम सिंह यादव सड़क से लेकर संसद तक की राजनीति करते रहे, वो 8 बार विधायक रहे, तो तीन बार यूपी के सीएम भी बने, साथ ही 7 बार संसद के सदस्य रहे, उन्होने 2012 में अपनी जगह अखिलेश को मुख्यमंत्री बना दिया था। 1996 में केन्द्रीय रक्षा मंत्री भी रहे।