नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और अन्य के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप तय कर दिए हैं. अदालत ने ये बात मानी है कि ताहिर हुसैन का मुख्य उद्देश्य हिंदुओं को नुकसान पहुंचाना था.
अदालत ने कहा कि ताहिर हुसैन, शाह आलम, नाजिम, कासिम, रियासत और लियाकत दूसरों को हिंदुओं को सबक सिखाने के लिए उकसा रहे थे. गौरतलब है कि अदालत पूर्वोत्तर दिल्ली में ईडी(Enforcement Directorate) द्वारा दर्ज मामले की सुनवाई कर रही थी.
दंगे में मारे गए थे 53 लोग
गौरतलब है कि 24 फरवरी, 2020 को नागरिकता कानून के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं. इसमें कम से कम 53 लोग मारे गए थे और करीब 700 लोग घायल हुए थे.
अजय गोस्वामी ने दर्ज कराया केस
इसी मामले में 25 फरवरी को दंगे में घायल अजय गोस्वामी के एक के रिश्तेदार ने दयालपुर पुलिस स्टेशन पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें कहा था कि अजय को दंगे में गोली मारी गई है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. ASI विजयंत कुमार ने अस्पताल पहुंचकर घायल के बयान लिए थे. इसके बाद केस दर्ज किया गया था.
2017 में पार्षद बना था ताहिर
ताहिर हुसैन साल 2017 के MCD चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीता था. फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए सांप्रदायिक दंगों के मामले में ताहिर हुसैन का नाम बतौर साजिशकर्ता आया था. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने ताहिर हुसैन को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. वहीं, पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने 20 अगस्त 2020 को ताहिर की सदस्यता खत्म कर दी थी.