तथ्य हीन समाचारों को आधार बनाकर करता है ब्लैक मेलिंग
संजय पूरबिया पर कार्यवाही के उपरांत उत्तर प्रदेश में भयहीन माहौल में नियमों के तहत कार्य किया जाना होगा संभव
रोहन सेठ (संवाद सूत्र)
लखनऊ। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माननीय संसद सदस्य बृजभूषण शरण सिंह, कैसरगंज लोक सभा क्षेत्र द्वारा द संडे व्यूज नाम के साप्ताहिक समाचार पत्र की जांच के संबंध में कोई पत्र जारी किया गया है। द संडे व्यूज समाचार पत्र लखनऊ से प्रकाशित होता है और इस समाचार पत्र द्वारा अपना कार्यालय लखनऊ के आशियाना क्षेत्र में बनाया गया है। द संडे व्यूज के पत्रकार संजय पुरबिया द्वारा असत्य तथ्यों के आधार पर लेख छापने की शिकायत माननीय सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मुख्यमंत्री से की गई है, जिसकी संभवतः उच्च स्तरीय जांच की जा रही है।
ऐसा ज्ञात हुआ है कि माननीय सांसद द्वारा संजय पूरबिया द्वारा तथ्यों को ग़लत आधार बनाकर मनमाफिक ढंग से समाचार प्रकाशित करना और शासन को दिग्भ्रमित किए जाने के प्रयास का खुलासा करते हुए जांच की मांग की है।
सूत्रों की।माने तो माननीय सांसद द्वारा शासन को अवगत कराया गया है कि संजय पूरबिया और अन्य लोग द्वारा अधिकारियों को ब्लैकमेल करने हेतु समाचार पत्र का प्रकाशन किया जा रहा है और ऐसे पत्रकारों की जांच कर उनके पंजीकरण को निरस्त करने तथा उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई किए जाने की नितांत आवश्यकता है, ताकि उत्तर प्रदेश में भयहीन माहौल में नियमों के तहत कार्य किया जा सके।
उक्त तथ्यों से संजय पूरबिया द्वारा पत्रकारिता की आड़ में चलाए जा रहे गिरोहबंदी की जानकारी मिलती है। यह भी अवगत कराते चलें कि समाचार पत्र के खेला में संजय पूरबिया द्वारा अपनी पत्नी दिव्या श्रीवास्तवा को भी सम्मिलित किया गया है, पत्नी द्वारा संचालित समाचार पत्र की दहशत दिखाकर ब्लैक मेलिंग का धंधा करने वाला पत्रकार संजय पुरबिया आज भी स्वच्छंद होकर नए शिकारों की तलाश में है। यदि इस तथाकथित पत्रकार की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो कई अपराधिक मामलों में संलिप्तता,मारपीट, बलवा, फोर्जरी, ब्लैक मेलिंग आदि के मुकदमे लखनऊ के कुछ थानों में दर्ज मिल सकते हैं।
चिंता का विषय है कि, इस तरह के पत्रकार द्वारा नौकरशाहों को अपनी लेखनी द्वारा कब मुजरिम बनाते हुए अकूत संपत्ति अर्जित करने वालों की श्रेणी में खड़ा कर दें, कुछ कहा नहीं जा सकता है। उत्तर प्रदेश में।भयहीन माहौल बनाने के लिए ऐसे लोगो के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही करने की आवश्यकता है।
पत्रकारिता का गिरता हुआ स्तर ऐसे ही लोगों के पत्रकारिता क्षेत्र में आने के कारण बदनाम हो रहा है, जो एक चिंता का विषय है। पत्रकारों के अनेक संगठनों को माननीय सांसद द्वारा जारी किए जा रहे पत्रों का संज्ञान लेने की आवश्यकता है । आखिर माननीय सांसद जी को पत्रकारो को ब्लैकमेलर कहने और लिखने की ऐसी क्या आवश्यकता आ गयी है। इसकी पुष्टि भी आवश्यक है ।