नई दिल्ली। कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने मंगलवार को कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की संवेदनशील रिपोर्ट के कुछ हिस्से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सार्वजनिक डोमेन में रखे गए थे. खुफिया एजेंसी के अधिकारी देश के लिए गुप्त तरीके से काम करते हैं, और यदि उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है तो भविष्य में वे (कॉलेजियम) दो बार सोचेंगे. सरकार और न्यायपालिका के बीच जजों की नियुक्ति पर विवाद के बीच, रिजिजू ने कहा कि वे इस मुद्दे पर सही तरीके से जवाब देंगे.
कानून मंत्री ने कहा कि ‘रॉ और आईबी (हाई कोर्ट्स में जजों की नियुक्ति पर) के गुप्त इनपुट को सार्वजनिक करना गंभीर चिंता का विषय है. समाचार एजेंसी एएनआई ने रिजिजू के हवाले से कहा, मैं समय रहते इस पर उचित तरीके से प्रतिक्रिया दूंगा. उनकी टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के कुछ हालिया प्रस्तावों के बाद आई है, जिसमें हाई कोर्ट के जजों के रूप में नियुक्ति के लिए शीर्ष अदालत द्वारा अनुशंसित कुछ नामों पर आईबी और रॉ की रिपोर्ट शामिल हैं, जिन्हें पिछले सप्ताह सार्वजनिक किया गया था.
जजों को चुनाव का सामना नहीं करना पड़ता: रिजिजू
जजों की नियुक्ति की सर्वोच्च न्यायालय की कॉलेजियम प्रणाली कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच तनाव का नया कारण बन गई है. इससे पहले सोमवार को, रिजिजू ने कहा था कि न्यायाधीशों को चुनाव का सामना नहीं करना पड़ता है और उनके पास कोई सार्वजनिक जांच नहीं होती है, लेकिन लोग न्याय देने के तरीके से उन्हें ‘देखते’ और ‘मूल्यांकन’ करते हैं. ‘न्यायाधीशों की कोई सार्वजनिक जांच नहीं होती है… क्योंकि लोग आपको नहीं चुनते हैं, वे आपकी जगह नहीं ले सकते. लेकिन लोग आपको देख रहे हैं – आपके निर्णय, जिस तरह से आप फैसले देते हैं – लोग देख रहे हैं और आकलन कर रहे हैं और राय बना रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के युग में कुछ भी छिपा नहीं है.