पाकिस्तान में आर्थिक संकट लगातार बना हुआ है। गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान में डॉलर के मुकाबले वहां की करेंसी की कीमत काफी गिर गई है। एक डॉलर के मुकाबले 225 पाकिस्तानी रुपया हो गया है। नगदी का संकट झेल रहे पाकिस्तान का खजाना हर रोज खाली हो रहा है और वहां श्रीलंका जैसी नौबत देखने को मिल रही है। क्या इस स्थिति में पाकिस्तान को भी श्रीलंका की जनता की तरह विरोध झेलना पड़ेगा?
पाकिस्तानी करेंसी के गिरने से पाकिस्तान की माली हालत ये है कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के राहत पैकेज के लिए कठिन शर्तों को मानने के लिए तैयार हो गया है। पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ में अपनी अवाम से इस बात को साझा किया था कि सरकार 6 अरब अमेरिकी डॉलर के राहत पैकेज के लिए सभी शर्तों को मानने के लिए तैयार है।
आसमान छू रही है महंगाई
पाकिस्तान में आर्थिक संकट इस कदर है कि वहां के आम लोगों की रोजाना की जिंदगी काफी बदतर हो गई है। गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान में बुनियादी सुविधाएं तो दूर आटा, चावल, पेट्रोल और डीजल जैसी रोजाना के जरूरती सामान के भाव आसमान छू रहे हैं। पाकिस्तान में 25 फीसदी तक महंगाई बढ़ चुकी हैं और विदेशी मुद्रा भंडार भी लगातार कम हो रहे हैं। पाकिस्तान में 4.1 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा पहुंच गया है।
गरीबी का दंश झेल रहे पाकिस्तान में अब बिजली का संकट गहरा गया है। हाल ही में नेशनल ग्रिड सिस्टम फेल हो जाने की वजह से पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद समेत कई बड़े शहरों – लाहौर, कराची में बत्ती गुल हो गई। हालांकि, पाकिस्तानी सियासतदान इस बात का विश्वास दिला रहे हैं वह बिजली के संकट को ठीक कर लेंगे, लेकिन वैश्विक मीडिया की मानें तो पाकिस्तान के पास ग्रिड सिस्टम को पूरी तरह से बहाल करने के लिए न संसाधन और न ही पैसे। ऐसे में हर जगह से जनता पिस रही है।
क्या पाकिस्तान में आएंगे श्रीलंका जैसे हालात?
हाल ही में श्रीलंका में हुए आर्थिक संकट के बाद वहां की जनता सड़क पर आ गई थी, ऐसे में पाकिस्तान के सामने भी ऐसी परिस्थिति बनी हुई है क्योंकि पाकिस्तान राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संकट की चौतरफा मार झेल रहा है।