लखनऊ। रामचरित मानस विवाद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। रामचरित मानस विवाद पर बोलते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये तो समझ वाली बात है हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि कोई भी शब्द इतना बुद्धि और विवेक तो होना ही चाहिए कि किस भाषा में लिखा गया और उस भाषा का लोकल स्तर पर उसको उसकी परिभाषा किस रूप में परिभाषित की जाती है।
मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने कहा कि ये कोई नया मुद्दा नहीं है लेकिन जो अभी उठाया गया है यह उन लोगों ने उठाया है जिन लोगों का विकास का कोई एजेंडा नहीं है, जिन लोगों ने UP की छवि को विकृत किया था, UP के यूथ के सामने पहचान का संकट खड़ा किया था, UP के आम को बदहाल किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज जब उन्हें लगता है कि यूपी कुछ नया करने जा रहा है, उत्तर प्रदेश में कुछ नयापन हो रहा है तो विकास और निवेश जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस प्रकार के मुद्दों को लाकर के समाज के माहौल को खराब करने का उचित प्रयास कर रहे हैं। उन्होने कहा कि ओबीसी पहले भी हिन्दू था और आज भी हिन्दू है। इसमें कोई संदेह है क्या? उन्होने कहा कि अनावश्यक एक नई बहस को जन्म देने का कोई मतलब नहीं है।