नई दिल्ली। 2002 में हुए गुजरात के गोधरा कांड के दोषियों ने अपने लिए रहम की मांग की है। अयोध्या से लौट रहे 59 हिंदू तीर्थयात्रियों को ट्रेन में जिंदा जला देने वालों ने अपने लिए माफी की मांग करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों पर नरमी का उदाहरण दिया है। दोषियों की याचिका 2018 से सुप्रीम कोर्ट के पास लंबित है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पादरीवाला ने गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या क्या इन अपीलकर्ताओं के लिए छूट देने पर विचार किया जा सकता है? मेहता ने कहा कि अपराध जघन्य प्रवृत्ति का था, ट्रेन को रोका गया, साबरमती एक्सप्रेस के एस6 कोच में बाहर से पेट्रोल डाला गया और आग लगा दी गई। दोषियों और साजिकर्ताओं ने इसके बाद पथराव करके यात्रियों को बचकर निकलने से रोका और दमकलकर्मियों को मौके पर जाने से रोका जिससे महिलाओं और बच्चों समेत 59 की मौत हो गई।